देश की खबरें | भारत और जापान ने सैन्य उपकरणों के सह-विकास का निर्णय लिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत और जापान ने रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत आजमाइश को लेकर साझा चिंताओं के बीच दोनों रणनीतिक साझेदारों की सेनाओं के बीच अधिक अंतर-संचालन के लिए परस्पर आपूर्ति और सेवा समझौते की व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया।
नयी दिल्ली, 22 नवंबर भारत और जापान ने रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत आजमाइश को लेकर साझा चिंताओं के बीच दोनों रणनीतिक साझेदारों की सेनाओं के बीच अधिक अंतर-संचालन के लिए परस्पर आपूर्ति और सेवा समझौते की व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया।
लाओस की राजधानी विएंतियाने में एक क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके जापानी समकक्ष जनरल नाकातानी के बीच एक बैठक में इस प्रस्तावित समझौते पर चर्चा की गयी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सैन्य हार्डवेयर (उपकरणों) के सह-उत्पादन और सह-विकास में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
उसने कहा, ‘‘भारतीय और जापानी सेनाओं के बीच अंतर-संचालन को और बेहतर बनाने के लिए, दोनों देशों के बीच आपूर्ति और सेवा के पारस्परिक प्रावधान समझौते और विभिन्न द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों में सेनाओं की भागीदारी पर दोनों मंत्रियों द्वारा चर्चा की गई।’’
यदि पारस्परिक आपूर्ति और सेवा समझौता हो जाता है, तो इससे दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत और आपूर्ति की पूर्ति के लिए एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही उनके बीच समग्र रक्षा सहयोग को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह और नाकातानी ने वायु क्षेत्र में सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने पर भी सहमति जताई। उसने कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-जापान रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी सहयोग के महत्व को दोहराया।
‘यूनीकॉर्न (यूनीफाइड कॉम्प्लेक्स रेडियो एंटीना) मास्ट’के सह विकास को लेकर पिछले सप्ताह दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था जिसे इस बैठक में मील का पत्थर बताया गया। इस उपकरण से चकमा देने की जंगी जहाजों की क्षमता बढ़ेगी।
सिंह ने फिलीपीन के रक्षा मंत्री गिलबर्टो टियोडोरो के साथ भी द्विपक्षीय भेंटवार्ता की।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग, आतंकवाद-रोधी, अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र के आदान-प्रदान में सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
दिल्ली रवाना होने से पहले सिंह ने विएंतियाने में वाट सिसाकट मंदिर (एक बौद्ध मंदिर) का दौरा किया और सिसाकट मंदिर के मठाधीश महावेथ चित्तकारो से आशीर्वाद लिया।
सिंह मुख्य रूप से आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक ‘प्लस (एडीएमएम-प्लस)’ की बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को वहां पहुंचे थे।
एडीएमएम-प्लस एक मंच है जिसमें 10 देशों के आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ) और इसके आठ संवाद साझेदार - भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)