
नयी दिल्ली, 10 मई सरकार ने शनिवार को निर्णय लिया कि भारत अपनी सरजमीं पर भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले को ‘‘युद्ध की कार्रवाई’’ मानेगा और उसी के अनुसार जवाब देगा। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह चेतावनी पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुई सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच सहमति की घोषणा से पहले दी गई।
इस निर्णय के साथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ एक स्पष्ट ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ खींचने की कोशिश की है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी फिर से भारत को निशाना बनाते हैं, तो सरकार पहलगाम घटना के बाद जैसी ही सैन्य प्रतिक्रिया देगी।
एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा, ‘‘भारत में भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकवादी कृत्य को देश के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसका जवाब उसी के अनुसार दिया जाएगा।’’
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ‘‘युद्ध की कार्रवाई’’ से तात्पर्य किसी देश द्वारा दूसरे देश के विरुद्ध शत्रुतापूर्ण कार्रवाई से है, जो पीड़ित देश को हमलावर पर हमला करने का वैध आधार प्रदान करती है।
इस बयान के तुरंत बाद भारत ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने शनिवार शाम पांच बजे से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने आज अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर भारत के डीजीएमओ को फोन किया।
विदेश सचिव की यह घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के तुरंत बाद आई जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल’’ संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने पाकिस्तान से जुड़ी आतंकवादी घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया को काफी तेज किया है, जिसके तहत सशस्त्र बलों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपने सबसे व्यापक हमले में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सात मई को पड़ोसी देश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
तब से पाकिस्तान ने भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने का प्रयास किया है। भारत ने कहा है कि उसने इन प्रयासों को विफल करते हुए इसका माकूल जवाब दिया है।
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