जरुरी जानकारी | बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन में सुधार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। विदेशी बाजारों में दाम टूटने के कारण बाकी तेल-तिलहनों के भाव गिरावट के साथ बंद हुए।

नयी दिल्ली, पांच मई किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। विदेशी बाजारों में दाम टूटने के कारण बाकी तेल-तिलहनों के भाव गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल का दाम पहले के 930-935 डॉलर प्रति टन से घटकर 910-915 डॉलर प्रति टन रह गया है, जो पिछले कई साल का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट का असर यहां अधिकांश तेल-तिलहनों पर हुआ और उनके दाम कमजोर हो गये।

उन्होंने कहा कि वैसे देखा जाये तो सरकार और समीक्षकों के अलावा कई लोगों को खाद्य तेलों के थोक दाम पर ही चर्चा करते देखा जा सकता है। खुदरा में इस गिरावट का असर हो भी रहा है या नहीं और नहीं हो रहा है तो उसे कैसे दूर किया जा सकता है, इसपर आमतौर पर कोई चर्चा करते नहीं दिखते।

सूत्रों ने कहा कि किसानों द्वारा कम दाम पर सरसों की बिक्री रोकने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार आया। मजबूत किसान इस उम्मीद में अपनी सरसों फसल रोके हैं कि देश में आम चुनावों के बाद सरकार उनकी समस्या की ओर कोई पहल करेगी और उन्हें वाजिब दाम मिलेंगे। केवल छोटे व गरीब किसान ही पैसों की जरूरत के लिए अपनी उपज को बेच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि सरकार ने सरसों का वायदा कारोबार बंद कर रखा है। अगर यह वायदा कारोबार चल रहा होता तो अब तक दाम तोड़े जा चुके होते और किसानों से उनकी उपज को हड़पा जा चुका होता।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में शिकॉगो में सोयाबीन डी-आयल्ड केक और सोयाबीन तिलहन के दाम बढ़े हैं। इस बात का यहां असर दिखा और बीते सप्ताह सोयाबीन तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर सोयाबीन डीगम का आयात करना कहीं सस्ता बैठने की वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।

सूत्रों ने कहा कि महंगे दाम के कारण कारोबार प्रभावित रहने की वजह से बीते सप्ताह मूंगफली तेल-तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

उन्होंने कहा कि विदेशों में सोयाबीन डीगम के दाम में आई गिरावट का असर स्थानीय बाजार में अधिकांश तेल- तिलहन कीमतों पर दिखा। इस असर की वजह से तथा पिछले सप्ताह सीपीओ और पमोलीन का आयात बढ़ने से सीपीओ और पमोलीन में गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि नवंबर-दिसंबर में जब कपास की आवक कम थी तो उस वक्त वायदा कारोबार में इसका भाव 3,050 रुपये क्विंटल था लेकिन जब कपास की जोरों से आवक शुरू हुई तो वायदा कारोबार में दाम को 2,450 रुपये क्विंटल तक घटा दिया गया। अब जब कपास की बिजाई चल रही है तो वायदा भाव 2,560 रुपये क्विंटल है। इस स्थिति में कपास की खेती कैसे बढ़ेगी जिससे कपड़ा उद्योग और तिलहन उद्योग दोनों ही जुड़े हैं। तिलहन उद्योग से कपास खेती का रिश्ता कपास से निकलने वाले बिनौले की वजह से है। बिनौले से तेल कम और खल सबसे अधिक मात्रा में निकलता है। लाइसेंस की दरकार न होने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट के कारण सस्ता नकली बिनौला खल का कारोबार जारी है जिसपर रोक लगाने की आवश्यकता है। जब इंसानों के भोजन की गुणवत्ता के मानक तय किये जा सकते हैं तो यह मानक मवेशियों के लिए भी तय करने की जरुरत है।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 90 रुपये के सुधार के साथ 5,350-5,390 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 50 रुपये बढ़कर 10,125 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10-10 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 1,730-1,830 रुपये और 1,730-1,845 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव भी क्रमश: 100-100 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,850-4,870 रुपये प्रति क्विंटल और 4,650-4,690 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

लेकिन इसके उलट सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 275 रुपये, 200 रुपये और 255 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 9,750 रुपये और 9,525 रुपये और 8,120 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट रही। मूंगफली तिलहन का दाम 75 रुपये की गिरावट के साथ 6,050-6,325 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 200 रुपये और 35 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 14,525 रुपये क्विंटल और 2,200-2,465 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 175 रुपये की गिरावट के साथ 8,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 350 रुपये की गिरावट के साथ 9,750 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 375 रुपये की गिरावट के साथ 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

गिरावट के आम रुख के अनुरूप बिनौला 100 रुपये की गिरावट के साथ 9,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

राजेश

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