देश की खबरें | आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने ऋण चंदा कोचर को अभियोजित करने की मंजूरी दी:सीबीआई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण आवंटित करने में कथित धोखाधड़ी व अनियमितता के मामले में उसे आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को अभियोजित करने के लिए इस बैंक के बोर्ड से अनुमति मिल गई है।
मुंबई, सात जून केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को ऋण आवंटित करने में कथित धोखाधड़ी व अनियमितता के मामले में उसे आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को अभियोजित करने के लिए इस बैंक के बोर्ड से अनुमति मिल गई है।
जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए विशेष सरकारी वकील ए लिमोसीन ने अदालत को बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने इस साल 22 अप्रैल को पारित एक प्रस्ताव में (कोचर के खिलाफ) अभियोजन की अनुमति दी।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने स्वीकार किया है कि ऋण आवंटित करने के बदले में लाभ हासिल किया गया था।
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने मामले के सिलसिले में पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था। बाद में, बंबई उच्च न्यायालय ने दंपति को जमानत दे दी थी।
जांच एजेंसी ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। उन्हें भी अंतरिम जमानत मिल गई।
सीबीआई ने नुपावर रीन्यूवेबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनियों के साथ कोचर दंपती और धूत को प्राथमिकी में आरोपी बनाया था। यह मामला आपराधिक साजिश रचने से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा और भ्रष्टाचार निवारण अधनियम,2019 के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था।
सीबीआई का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने धूत के प्रवर्तन वाले वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग नियमन अधिनियम, भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों, और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा उपलब्ध कराई थी।
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