जरुरी जानकारी | आईबीबीआई ने परिसमापन प्रक्रिया से जुड़े ई-फॉर्म जमा करने की समयसीमा बढ़ायी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने ऋण शोधन पेशेवरों के लिए दिवाला कानून के तहत मामलों के परिसमापन और स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रियाओं के विवरण से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म जमा करने की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी है।
नयी दिल्ली, नौ जनवरी भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने ऋण शोधन पेशेवरों के लिए दिवाला कानून के तहत मामलों के परिसमापन और स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रियाओं के विवरण से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म जमा करने की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी है।
आईबीबीआई ने बृहस्पतिवार को एक परिपत्र में कहा कि परिसमापक और ऋण शोधन पेशेवर एजेंसियों ने आवश्यक फॉर्म जमा करने में तकनीकी चुनौतियों का हवाला देते हुए प्रतिवेदन दिया था। उसके बाद समयसीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया।
नियामक ने जून, 2024 में परिसमापन प्रक्रियाओं पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म पेश किया था। इसका मकसद व्यवस्थित और पारदर्शी रिकॉर्ड रखने और निर्बाध रिपोर्टिंग को सक्षम बनाना था।
वर्तमान में, ऋण शोधन पेशेवर (आईपी) ई-मेल के माध्यम से आईबीबीआई को अपेक्षित विवरण जमा भेजते हैं।
यह दूसरी बार है जब नियामक ने समयसीमा बढ़ाई है। इससे पहले, अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2024 थी और इसे पहले 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया था।
आईबीबीआई ने परिपत्र में कहा, ‘‘परिसमापकों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, परिसमापन और स्वैच्छिक परिसमापन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।’’
इसके अलावा, नियामक ने बताया कि कुछ पेशेवर फॉर्म में गलत जानकारी जमा कर रहे हैं।
इस संबंध में, पेशेवरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि प्रदान की गई जानकारी सही हों और उसकी पुष्टि के लिए जरूरी दस्तावेज दिये जाएं।
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