देश की खबरें | आईएएस अधिकारी खेमका को आखिरकार सेवानिवृत्ति से सिर्फ पांच महीने पहले ‘महत्वपूर्ण’ विभाग में मिली तैनाती
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अपनी ईमानदार छवि के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को उनकी सेवानिवृत्ति से केवल पांच महीने पहले कई वर्षों के अंतराल के बाद एक ‘महत्वपूर्ण’ विभाग में तैनाती दी गई है।
चंडीगढ़, तीन दिसंबर अपनी ईमानदार छवि के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को उनकी सेवानिवृत्ति से केवल पांच महीने पहले कई वर्षों के अंतराल के बाद एक ‘महत्वपूर्ण’ विभाग में तैनाती दी गई है।
खेमका अपने 33 साल के करियर और 57 पदस्थापना के दौरान ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं।
मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे 1991 बैच के अधिकारी खेमका को रविवार को स्थानांतरित कर परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात किया गया।
खेमका 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन आयुक्त के पद से स्थानांतरित किए जाने के लगभग 10 वर्ष बाद वह परिवहन विभाग में वापस लौट आए हैं, जिसे वर्तमान में मंत्री अनिल विज संभाल रहे हैं।
उस समय खेमका ने परिवहन विभाग में मुश्किल से चार महीने ही काम किया था।
तत्कालीन परिवहन आयुक्त के रूप में, खेमका ने ऑटोमोबाइल और बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान के परिवहन के लिए बड़े आकार के ट्रकों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी थी।
बाद में, राज्य सरकार द्वारा ट्रक चालकों को केन्द्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 के अनुरुप अपने वाहनों को तैयार कराने के लिए एक वर्ष का समय दिए जाने के बाद चालकों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी।
इसके बाद खेमका का राज्य सरकार द्वारा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में तबादला कर दिया गया था।
तब खेमका ने 10 साल पहले ट्विटर (अब एक्स) पर कहा था, ‘‘गंभीर सीमाओं और निहित स्वार्थों के बावजूद परिवहन में भ्रष्टाचार को दूर करने और सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की। यह क्षण वास्तव में पीड़ादायक है।’’
हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी 2012 में राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा से जुड़े गुरुग्राम भूमि सौदे का दाखिल खारिज रद्द कर दिया था।
‘दाखिल खारिज’ भूखंड के स्वामित्व को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)