देश की खबरें | हैदराबाद का आईएएमसी जल्द ही विदेशों के प्रतिष्ठित संस्थानों के समान होगा: सीजेआई रमण

हैदराबाद, चार दिसंबर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता समझौते में शामिल होने वाले भारतीय पक्ष अक्सर देश के बाहर एक मध्यस्थता केंद्र का विकल्प चुनते हैं, जिसके कारण उन्हें बहुत अधिक खर्चों का बोझ उठाना पड़ता है, लेकिन यहां अंतरराष्ट्रीय पंचाट एवं मध्यस्थता केंद्र (आईएएमसी) की स्थापना से चलन बदल जाएगा।

वह शहर में आईएएमसी के पूर्वावलोकन (कर्टेन रेज़र) और हितधारक सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कुछ मध्यस्थता केंद्रों की मौजूदगी के बावजूद, वाणिज्यिक मध्यस्थता समझौतों में प्रवेश करने वाले भारतीय पक्ष अक्सर भारत के बाहर एक मध्यस्थता केंद्र का विकल्प चुनते हैं, जिस पर उनका बहुत अधिक खर्च होता है।" उन्होंने कहा कि हैदराबाद में आईएएमसी की स्थापना के बाद भारत में यह चलन बदल जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र पेरिस, सिंगापुर, हांगकांग, लंदन, न्यूयार्क और स्टॉकहोम जैसे ज्यादातर वाणिज्यिक केंद्रों में स्थित हैं। हैदराबाद में आईएएमसी की स्थापना उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा के साथ होगी और यहां अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध आर्बिट्रेटर और मध्यस्थकार पैनल में शामिल होंगे।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि इस केंद्र पर बेहतर कामकाज सुनिश्चित करने और नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए दुनिया भर से सर्वोत्तम प्रथाओं को ध्यान में रखा जा रहा है।

उन्होंने कहा, "वैश्विक परिप्रेक्ष्य और गुणवत्ता पर जोर देने के साथ मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि जल्द ही इसकी तुलना सिंगापुर इंटरनेशनल सेंटर और लंदन इंटरनेशनल सेंटर जैसे मध्यस्थ संस्थानों से की जाएगी।"

इस अवसर पर मौजूद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद में मध्यस्थता केंद्र से होने वाले लाभों और उनकी सरकार द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का एक मजबूत केंद्र बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तार से चर्चा की।

शहर के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है, जहां दुनिया के सभी प्रमुख शहरों से सालों भर सम्पर्क बना रहता है। यहां विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, विश्व स्तरीय होटल, सुखद मौसम और लोगों में गर्मजोशी मौजूद है।

सीजेआई ने आगे कहा कि हालांकि उन्हें एक मध्यस्थता केंद्र शुरू करने और स्थापित करने के लिए एक छोटे से योगदान की आवश्यकता महसूस हुई, लेकिन उनके साथी न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने एक छोटे मध्यस्थता केंद्र के बजाय, एक पूर्ण पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय संस्थागत पंचाट और मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने की सलाह दी।

आर्बिटेशन सेंटर का उद्घाटन 18 दिसम्बर को होगा। मुख्यमंत्री राव ने कहा कि राज्य सराकर ने यह केंद्र बगैर किसी देरी के शुरू करने के लिए अस्थायी भवन में 25000 वर्ग फुट का क्षेत्र आवंटित किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पंचाट एवं मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए हैदराबाद का चयन करने के लिए सीजेआई को आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव, तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा तथा कई कानूनविद मौजूद थे।

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