Ayodhya: नेपाल से अयोध्या पहुंची शालिग्राम का हुआ पूजन, शिला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं भक्त
अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी से विशेष पवित्र शिलायें (चट्टान) अयोध्या पहुंच चुकी है.
अयोध्या (उप्र), 2 फरवरी : अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे श्रीराम मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी से विशेष पवित्र शिलायें (चट्टान) अयोध्या पहुंच चुकी है. पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात यहां पहुंचीं और उन्हें बृहस्पतिवार दोपहर विशेष पूजा अर्चना के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट की गईं. यहां 51 वैदिक शिक्षकों ने शालिग्राम पवित्र शिलाओं की पूजा की और उसके बाद उन्हें मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया.
नेपाल के जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ये शालिग्राम शिलाएं भेंट की .
इन पत्थरों से उकेरी गई राम की 'बालरूप' (बाल रूप) की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक तैयार होने की उम्मीद है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज 25 जनवरी को नेपाल के मुस्तांग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर रवाना हुए थे. यह भी पढ़ें :Nagaland Assembly Election 2023: बीजेपी एनडीपीपी के साथ गठबंधन कर 60 में से 20 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से "मोक्ष का स्थान") के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए छह करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गये थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने पहले बताया था, 'ये शालिग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं. विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी . एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है.