देश की खबरें | हिप्र के राज्यपाल ने अयोग्य विधायकों को पेंशन देने पर रोक लगाने वाला विधेयक राज्य सरकार को लौटाया

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शिमला, आठ जनवरी हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने राज्य सरकार को वह विधेयक लौटा दिया है, जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए विधायकों को पेंशन देने पर रोक लगाई गई है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने सदस्यों के भत्ते और पेंशन (संशोधन) विधेयक, 2024 को पिछले साल चार सितंबर को पारित किया था। यह संविधान की 10वीं अनुसूची - दलबदल विरोधी कानून - के तहत अयोग्य ठहराए गए सदन के सदस्यों को पेंशन लेने से रोकता है।

यह विधेयक कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों को प्रभावित करता है, जिन्हें व्हिप का उल्लंघन करने के कारण पिछले वर्ष फरवरी में विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य घोषित कर दिया था।

एक अधिकारी ने बताया कि शुक्ला ने कुछ आपत्तियों के साथ विधेयक राज्य सरकार को वापस भेज दिया है, जिन पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सूत्रों के अनुसार, विधेयक को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता।

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इसमें "राजनीतिक बदले" की भावना है और इसे पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता।

सभी छह पूर्व विधायकों ने इस साल की शुरुआत में भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था जिनमें से दो जीत गए थे जबकि अन्य चार हार गए।

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