देश की खबरें | हिप्र: मुख्यमंत्री के भोजन में 'जंगली मुर्गा'? मानहानि व फर्जी खबर फैलाने का मामला दर्ज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित होने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मानहानि और झूठी खबर फैलाने के आरोप में बुधवार को एक प्राथमिकी दर्ज की।

शिमला, 18 दिसंबर हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित होने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मानहानि और झूठी खबर फैलाने के आरोप में बुधवार को एक प्राथमिकी दर्ज की।

दरअसल, सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक सुदूर क्षेत्र में रात्रि भोज के दौरान अपने सहयोगियों को कथित तौर पर ‘जंगली मुर्गा’ खाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस मुद्दे को उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि ‘जंगली मुर्गा’ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 और वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2022 की अनुसूची एक के तहत सूचीबद्ध लुप्तप्राय प्रजाति है और इसका शिकार करना या खाना अवैध है।

पुलिस ने बताया कि कुलग गांव की प्रधान सुमन चौहान और एक अन्य स्थानीय निवासी नीटू कुमार की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पिछले हफ्ते एक वीडियो ऑनलाइन मंच पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था जिसमें सुक्खू को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘इनको दो जंगली मुर्गा, हमें थोड़ी खाना है।’’

इसके बाद वह अपने साथियों से पूछते हैं कि क्या वे यह व्यंजन खाना चाहेंगे। यह वीडियो शिमला जिले के सुदूर टिक्कर इलाके में रिकॉर्ड किया गया था, जहां मुख्यमंत्री पिछले शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और अन्य अधिकारियों के साथ भोजन कर रहे थे और यह विशेष व्यंजन मेनू में शामिल था।

ग्राम प्रधान सुमन चौहान ने दावा किया कि ‘जंगली मुर्गा’ उनके क्षेत्र में नहीं पाया जाता, जबकि मुख्यमंत्री ने कहा कि वह देसी मुर्गे की बात कर रहे थे।

भाजपा ने इस मामले में सुक्खू से माफी की मांग की है, जबकि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि स्थानीय ग्रामीणों ने देसी मुर्गा पकाया था, जिसे उन्होंने दूसरों को दिया क्योंकि वह स्वास्थ्य कारणों से मांसाहारी भोजन नहीं खाते।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गांवों में मांसाहारी खाना खाया जाता है। सुक्खू ने इसे मुद्दा बनाने के लिए विपक्षी नेताओं की आलोचना की।

अपनी शिकायत में चौहान ने दावा किया कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के लिए क्षेत्र का पारंपरिक भोजन पकाया था, लेकिन किसी ने क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करने के लिए इंटरनेट पर ‘‘फर्जी खबर’’प्रसारित कर दी।

पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) और 356 के तहत घृणा और मानहानि की भावनाओं को बढ़ावा देने के इरादे से झूठी/अफवाह वाली खबरों के प्रकाशन या प्रसार के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

मामला दर्ज होने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता और राज्य सोशल मीडिया प्रभारी चेतन बरागटा ने कांग्रेस सरकार पर विपक्षी नेताओं और मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ कदम बताया।

भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले दावा किया था कि सुक्खू ने अपने शब्द बदल लिए हैं और ‘‘जंगली’’ को ‘‘देसी मुर्गा’’ कर लिया है।

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