चंडीगढ़, 28 फरवरी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में करारी हार के बाद संकट का सामना कर रही है और इस बीच पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को पार्टी की ‘‘संपत्ति और देनदारियों’’ का आकलन करने का आह्वान किया।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हार सिर्फ पार्टी उम्मीदवार की नहीं थी बल्कि इसके ‘‘बड़े’’ आशय थे।
हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए एक आश्चर्यजनक उलटफेर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली और उसके उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के जाने-माने चेहरे अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया।
कांग्रेस ने बुधवार को संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बचाने के लिए संघर्ष किया, जिसमें वरिष्ठ मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा भी शामिल था।
सिद्धू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया, ‘‘हिमाचल संकट सबसे पुरानी पार्टी के लिए संपत्ति और देनदारियों के आकलन की मांग करता है? बड़े पदों पर मौजूद ‘बहानेबाज’ लोग गुप्त रूप से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों की धुन पर नाच रहे हैं जिससे कई बार हमें बुरे समय का सामना करना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी से उन लोगों को बाहर निकालना जरूरी है जो सामूहिक हित के बजाय व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं। उनके कृत्य पार्टी के अस्तित्व पर गहरा जख्म करते हैं, जख्म तो भर सकते हैं लेकिन मानसिक जख्म बने रहेंगे।’’
पिछले साल दिसंबर में पंजाब में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने अकेले रैलियां आयोजित करने के लिए सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। सिद्धू ने बाद में कहा था कि अनुशासन का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजें नहीं होना चाहिए।
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