देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने दिल्ली के बुनियादी ढांचे की समीक्षा संबंधी समिति की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई
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नयी दिल्ली, छह नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की प्रशासनिक, वित्तीय और बुनियादी ढांचे की समीक्षा करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट को लेकर बुधवार को अप्रसन्नता जताई।
उच्च न्यायालय ने कहा कि समिति की रिपोर्ट में शहर में जल निकासी प्रणाली पर जोर दिया गया है और कहा कि यह भारत संघ के कैबिनेट सचिव को पूरा मुद्दा भेजे जाने को इच्छुक है।
अदालत ने कहा, ‘‘रिपोर्ट को सरसरी तौर पर देखने से यह प्रदर्शित होता है कि यह दिल्ली में जल निकासी प्रणाली तक सीमित है। हालांकि, इस अदालत ने समिति से दिल्ली की प्रशासनिक, भौतिक और वित्तीय ढांचे की समीक्षा करने को कहा था।’’
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘यह अदालत दिल्ली के प्रशासनिक, भौतिक और वित्तीय ढांचे के समग्र मुद्दे को भारत संघ के कैबिनेट सचिव को भेजने को इच्छुक है।’’
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि एक पूरक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समिति को कुछ वक्त दिया जाए।
उनके अनुरोध पर, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
इससे पहले, दिल्ली में कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा उपायों से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि व्यापक परिदृश्य को देखने की जरूरत है क्योंकि शहर में कहीं अधिक मूलभूत समस्या है और यह वक्त दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय और भौतिक बुनियादी ढांचे पर नये सिरे से गौर करने का है जो अप्रसांगिक हो गया है और वर्तमान समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं है।
उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष, दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त भी शामिल किये गए हैं।
बुधवार को, पीठ ने समिति द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट पर नाराजगी जताई, जो मुख्य रूप से शहर में जल निकासी प्रणाली तक सीमित है।
इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी जुलाई में यहां एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश का पानी भर जाने के कारण तीन छात्रों की मौत हो जाने के सिलसिले में अपनी जांच के संबंध में एक सीलबंद लिफाफे में वस्तु स्थिति रिपोर्ट सौंपी।
ये तीनों छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
एमसीडी ने एक रिपोर्ट दाखिल कर यह भी कहा कि इसने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में सभी अतिक्रमण हटा दिये हैं।
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