केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मीयों को बताया ‘योद्धा’, कहा- इनकी शिकायतों के समाधान हेतु हेल्पलाइन बनायेंगे
केन्द्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी ‘कोरोना योद्धा’ हैं और उनके वेतन में कटौती, भुगतान में विलंब, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता या किराये के मकान से बेदखल किये जाने जैसी शिकायतों के समाधान के लिये उन्हें हेल्पलाइन मुहैया करायी जायेगी.
केन्द्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी ‘कोरोना योद्धा’ हैं और उनके वेतन में कटौती, भुगतान में विलंब, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता या किराये के मकान से बेदखल किये जाने जैसी शिकायतों के समाधान के लिये उन्हें हेल्पलाइन मुहैया करायी जायेगी.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने इन समस्याओं को लेकर दायर याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद इस मामले का निस्तारण कर दिया.
स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करते हुये यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन (United Nurses Association) और इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन (Indian Nurses Association) ने याचिकायें दायर की थीं. इनमें कोरोना वायरस महामारी से स्वास्थ्यकर्मियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर उत्पन्न जोखिम को देखते हुये राष्ट्रीय कोविड-19 प्रबंधन प्रोटोकाल तैयार करने का अनुरोध किया गया था.
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यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्रन के आर ने कहा कि उनके संगठन से संबंद्ध नर्सें देश में 400 से ज्यादा अस्पतालों में काम कर रही हैं और इनमें से अधिकांश के वेतन में 50 प्रतिशत तक की कटौती की गयी है या फिर वेतन के भुगतान में विलंब हो रहा है. उन्होंने कहा कि समुचित सुरक्षा उपकरण के अभाव में 150 से 200 नर्सें कोविड-19 का शिकार हो गयी हैं और 600 से 700 स्वास्थ्यकर्मियों को पृथक कक्षों में रखा गया है.
केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से जंग करने वाले हमारे योद्धा हैं और सरकार उनकी शिकायतों के समाधान के लिये सभी जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इन स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायतों और दो घंटे के भीतर उनके समाधान के लिये हेल्पलाइन स्थापित करेगी जहां वे अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं.
पीठ ने सालिसीटर जनरल का यह कथन दर्ज करने के बाद यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन और इंडियन प्रफेशनल नर्सेज एसोसिएशन की याचिका का निस्तारण कर दिया. यूएनए ने अपनी याचिका में कहा था कि महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कर्नाटक आदि राज्यों में नर्स, चिकित्सक और दूसरे कर्मचारी इस संक्रमण की चपेट में आ गये हैं. इस महामारी से निबटने की तैयारियों में कमी की वजह से मुंबई सेन्ट्रल में वॉकहार्ट अस्पताल की 10 नर्सें इस संक्रमण का शिकार हो गयीं.
इस वायरस को फैलने से रोकने के इरादे से अस्पताल की लगभग सभी 265 नर्सों को अब निगरानी में रखा गया है. आईएनए की याचिका में कोरोना वायरस के पृथक वार्ड में काम करने वाले प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
अनूप
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