गुरुग्राम/रेवाड़ी, 23 सितंबर हरियाणा चुनाव में अभी तक पुरुषों का ही दबदबा कायम रहा है और इस बार भी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 51 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं.प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिन महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है, उनमें से अधिकतर का या तो राजनीतिक परिवार से नाता है या फिर वे कोई चर्चित चेहरा हैं.
हरियाणा के 1966 में पंजाब से अलग होकर राज्य बनने के बाद से विधानसभा में अभी तक केवल 87 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं.हरियाणा अपने खराब लैंगिक अनुपात के लिए हमेशा चर्चा में रहा है और यहां अभी तक कभी कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है.उम्मीदवारों की सूची पर गौर करने से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.इसके बाद गठबंधन में चुनाव लड़ रहे भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संयुक्त रूप से 11 महिला उम्मीदवारों, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 10 महिला उम्मीदवारों का टिकट दिया है. ये भी पढ़े :Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में भाजपा ही नहीं, कांग्रेस भी सीएम फेस को लेकर कशमकश में
जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आजाद समाज पार्टी (आसपा) का गठबंधन 85 सीट पर चुनाव लड़ रहा है और केवल आठ पर महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है.आम आदमी पार्टी (आप) की 90 उम्मीदवारों की सूची में 10 महिलाएं शामिल हैं.हरियाणा विधानसभा के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2000 से अभी तक हुए पांच विधानसभा चुनाव में कुल 47 महिलाएं राज्य में विधायक चुनी गईं.राज्य अपने विषम लैंगिक अनुमात के लिए बदनाम है, वर्ष 2023 में यहां प्रति 1,000 लड़कों पर 916 लड़कियां थीं.
वर्ष 2019 के चुनाव में 104 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं. वर्ष 2014 के चुनाव में सबसे अधिक 116 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं जिनमें से 13 ने जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में यह संख्या घटकर नौ रह गई.हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान पांच अक्टूबर को होगा.परिणाम आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
इस बार के चुनावी मुकाबले में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव भी मैदान में हैं, जो भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी तोशम से चुनाव लड़ रही हैं.चार बार के कांग्रेस विधायक और राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि कांग्रेस ने अन्य दलों की तुलना में सबसे अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
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