उत्तर प्रदेश में ‘गुंडाराज’, अपराधियों को मिल रहा है राजनीतिक संरक्षण: कांग्रेस
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Photo Credits: Freepik)

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत की घटना को लेकर शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में ‘गुंडाराज’ है और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया कि जब पुलिस सुरक्षित नहीं है तो जनता कैसे सुरक्षित होगी?

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले को लेकर आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखौफ हो चुके हैं और आम लोग एवं पुलिस सुरक्षित नहीं हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ उत्तर प्रदेश में गुंडाराज का एक और प्रमाण. जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे सुरक्षित होगी?’’

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उन्होंने कहा, ‘‘मेरी शोक संवेदनाएं मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘‘ बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें उप्र पुलिस के उपाधीक्षक सहित 8 जवान शहीद हो गए. इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं. आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है.’’

प्रियंका ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री के पास है. इतनी भयावह घटना के बाद उन्हें सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए. कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए.’’ कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, ‘‘उप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति किस पटरी पर जा रही है? कानपुर में कर्तव्यपरायण 8 पुलिस जन शहीद, प्रयागराज में विमलेश पांडेय सहित 4 लोगों की हत्या .... यह क्या दर्शाता है? यह तो प्रदेश में रामराज्य का दावा करने वाली सरकार में जंगलराज है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण बंद होना चाहिए. सत्ता में बैठे लोगों और राजनीतिक दलों को इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा.’’

गौरतलब है कि कानपुर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी है और आठ पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए. पुलिस ने बताया कि यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब पुलिस की एक टीम अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार देर रात चौबेपुर थाने के दिकरू गांव गयी. दुबे के खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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