जरुरी जानकारी | देश में 2030 तक हरित निवेश पांच गुना होकर 31 लाख करोड़ रुपये होगाः क्रिसिल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि भारत में 2025 से 2030 के बीच हरित निवेश पांच गुना होकर 31 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

नयी दिल्ली, 15 जनवरी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि भारत में 2025 से 2030 के बीच हरित निवेश पांच गुना होकर 31 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

क्रिसिल ने कहा कि यह निवेश पेरिस समझौते के तहत अद्यतन प्रथम राष्ट्रीय प्रतिबद्ध अंशदान (एनडीसी) के अनुरूप देश के शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2070 तक अनुमानित 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश का एक अहम हिस्सा है।

क्रिसिल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमीश मेहता ने कहा, ‘‘सरकार और कंपनियों की तरफ से घोषित योजनाओं और जमीनी स्तर पर प्रगति को देखते हुए वर्ष 2030 तक 31 लाख करोड़ रुपये के हरित निवेश का हम अनुमान लगा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अनुदान एवं प्रोत्साहन में तेजी लाना, बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ मिश्रित वित्त पहल को आगे बढ़ाना, नीतिगत समर्थन एवं लचीलापन कार्बन बाजार विकास एवं औद्योगिक कार्बन कटौती के लिए पहल आगे बढ़ाने के अनिवार्य पहलू हैं।’’

भारत की प्रमुख एनडीसी प्रतिबद्धताओं में वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की कार्बन तीव्रता में 2005 के स्तर से 45 प्रतिशत की कटौती करना और गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा संसाधनों से कुल स्थापित बिजली क्षमता के हिस्से को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना शामिल है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 31 लाख करोड़ रुपये के हरित निवेश में से 19 लाख करोड़ रुपये नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण, 4.1 लाख करोड़ रुपये परिवहन एवं वाहन क्षेत्रों और 3.3 लाख करोड़ रुपये तेल एवं गैस क्षेत्र में जाने की उम्मीद है।

हालांकि, इसने कहा कि हरित हाइड्रोजन, सीसीयूएस (कार्बन उपयोग और भंडारण), ऊर्जा भंडारण और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों वाली परियोजनाओं के लिए सरकारी अनुदान एवं प्रोत्साहन की परियोजना को व्यवहार्य बनाने में अहम भूमिका होगी।

चुनिंदा बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की निवेश क्षमता को आंकने वाले सूचकांक ‘क्रिसिल इन्फ्राइन्वेक्स’ के मुताबिक, बिजली से जुड़े क्षेत्रों- नवीकरणीय ऊर्जा, पारंपरिक उत्पादन, पारेषण एवं वितरण ने नीतिगत ढांचे और निवेश के अवसरों में सुधार के कारण अच्छा प्रदर्शन किया है।

हालांकि, क्रिसिल इन्फ्राइन्वेक्स ने कहा कि खनन और ईवी पारिस्थितिकी में निवेश आकर्षण में कुछ कमी देखी गई है। खनन क्षेत्र को महत्वपूर्ण खनिजों पर अधिक ध्यान देने से लाभ हो सकता है जबकि ईवी पारिस्थितिकी को नीतिगत हस्तक्षेप के अगले दौर का इंतजार है।

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