देश की खबरें | हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर समिति से सरकार को आपत्ति नहीं है, तो फिर जेपीसी से इनकार क्यों किया: कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर उच्चतम न्यायालय में सरकार के पक्ष को लेकर सोमवार को सवाल किया कि अगर सरकार को जांच समिति को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर उसने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से इनकार क्यों किया।
नयी दिल्ली, 13 फरवरी कांग्रेस ने अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर उच्चतम न्यायालय में सरकार के पक्ष को लेकर सोमवार को सवाल किया कि अगर सरकार को जांच समिति को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर उसने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से इनकार क्यों किया।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए यह भी पूछा कि प्रस्तावित समिति हिंडनबर्ग की जांच करेगी या अडाणी की?
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज उच्चतम न्यायालय में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अडाणी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए समिति बनाने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। फिर जेपीसी गठन से स्पष्ट इंकार क्यों किया गया, जिसमें भाजपा और उसके सहयोगी ही हावी रहते?’’
रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘वैसे प्रस्तावित समिति हिंडनबर्ग की जांच करेगी या अडाणी की?’’
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय से कहा कि नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति बनाने के प्रस्ताव पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
उधर, जयराम रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह सोमवार को भी सरकार और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए।
उन्होंने पूछा,‘‘ सेबी ने 2020 के बाद अडाणी समूह के स्टॉक में बेतहाशा बढ़ोतरी को जांच के बिना कैसे बर्दाश्त कर लिया, जबकि ऐसे मामले में गंभीरता से जांच की जरूरत होती है?’’
उन्होंने कहा कि हाल के खुलासों से संकेत मिलता है कि दोषी करार दिए गए स्टॉक ब्रोकर केतन पारेख के अडाणी समूह के साथ रिश्ते हो सकते हैं। उसके एक करीबी रिश्तेदार ने उस ‘एलारा कैपिटल’ के साथ काम किया है, जिसके भारतीय कोष ने अडाणी के स्टॉक में 99 प्रतिशत का निवेश किया है।’’
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार पारेख और अडाणी के बीच ताजा गठजोड़ को लेकर आंखें मूंदे हुए है?
उन्होंने अतीत में जेपीसी के गठन का हवाला देते हुए सवाल किया, ‘‘क्या आप (प्रधानमंत्री) डरे हुए हैं? क्या आपको यह डर लगता है कि स्वतंत्र जांच होने से आप अडाणी की गड़बड़ियों की जद में खुद आ जाएंगे?’’
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