ताजा खबरें | चुनावों के चलते सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया: प्रियंका गांधी
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कारण तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया गया।
नोएडा, 18 फरवरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कारण तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया गया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक डिजिटल जनसभा को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने ‘कॉरपोरेट मित्रों’ के लिए काम कर रही है।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ‘जाति और धर्म की राजनीति करने’ के लिए भाजपा, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी निशाने पर लिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के किसान बिजली के अत्यधिक बिल, उर्वरक की कमी, फसलों की उचित कीमत नहीं मिलने और आवारा पशुओं की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
उनका कहना था, ‘‘आज किसानों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशु की है। पहली बार इस चुनाव में ये आवारा पशु की बात कर रहे हैं। हमने लिखकर भी भेजा, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी। हमने छत्तीसगढ़ में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदना शुरू किया और लोगों ने जानवर आवारा छोड़ना बंद कर दिया।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘ नेता का धर्म होता है, जनता की सेवा करना। ये सारे नेता ये धर्म भूल चुके हैं। जब आप पर संकट आया तब ये सब बाहर ही नहीं निकले, न आपसे पूछा कि आप कैसे हैं। जो आपके सामने जाति-धर्म की बातें करते हैं, आपको आपस में लड़ाने की बातें करते हैं, इससे आपका फायदा नहीं है। इससे उनका फायदा है। आप सबका परिवार है। आप बताइए कि क्या परिवार का मुखिया भाई-भाई को आपस में लड़ाता है? आपस में लड़ेंगे तो विकास कैसे होगा? ’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जिन पूंजीपतियों को सारी संपत्ति बेची जा रही है, वे रोजगार का सृजन नहीं करते। रोजगार बनते हैं पीएसयू से और छोटे छोटे उद्योगों से। सारी कंपनियां दो लोगों को बेची जा रही हैं, और जो बची हैं, वे भी उन्हीं को बेचने की योजना है।’’
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनावों के कारण तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में हजारों लोग लखपति बन गए, लेकिन जब वह राज्य में घूमीं तो पता चला कि बहुत अधिक लोग गरीबी की गिरफ्त में चले गए हैं।
हक
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