जरुरी जानकारी | निर्यात प्रोत्साहन के लिये तंबाकू को कर एवं शुल्क वापसी योजना में शामिल करे सरकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अखिल भारतीय किसान संघों के महासंघ (एफएआईएफए) ने बुधवार को सरकार से तम्बाकू उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। महासंघ ने तंबाकू उत्पादों को भी निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं कर वापसी योजना (आरओडीटीईपी) के तहत शामिल करने पर जोर दिया।

गुवाहाटी, 28 अक्टूबर अखिल भारतीय किसान संघों के महासंघ (एफएआईएफए) ने बुधवार को सरकार से तम्बाकू उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। महासंघ ने तंबाकू उत्पादों को भी निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं कर वापसी योजना (आरओडीटीईपी) के तहत शामिल करने पर जोर दिया।

एफएआईएफए ने एक बयान में कहा कि भारत ने तम्बाकू निर्यात प्रोत्साहन को हटा लिया है, जिससे देश, जिम्बाब्वे और मलावी जैसे अन्य देशों की तुलना में वैश्विक बाजार में कम प्रतिस्पर्धी बन गया है।

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बयान में कहा गया है, ‘‘विश्व तंबाकू उत्पादक दिवस के अवसर पर, एफएआईएफए ने सरकार से अपील की है कि वह निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं कर वापसी योजना (आरओडीटीईपी) में तम्बाकू को शामिल करे तथा आक्रामक प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दे।’’

किसान संघ ने सरकार से एक परामर्शी दृष्टिकोण अख्तियार करने और तम्बाकू नियंत्रण नियमों को बनाते समय तम्बाकू किसानों को शामिल करने का भी आग्रह किया।

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एफएआईएफए ने आगे कहा कि सिगरेट के अवैध व्यापार के बढ़ते मामलों ने देश में फ्ल्यू-क्योर विर्जीनिया (एफसीवी) तंबाकू के उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

बयान में एफएआईएफए के अध्यक्ष जवारे गौड़ा के हवाले से कहा गया है कि एफसीवी के कृषक समुदाय को, उनका उत्पादन, वर्ष 2014-15 के 32.5 करोड़ किलोग्राम से घटकर वर्ष 2019-20 में 21 करोड़ किग्रा रह जाने से 6,000 करोड़ रुपये के व्यवसाय घाटे का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने दावा किया कि उत्पादन में गिरावट का कारण मुख्य रूप से देश में सिगरेट का बढ़ता अवैध व्यापार है और सिगरेट पर उच्च और दंडात्मक कराधान है, जिसके कारण कानूनी सिगरेट की बिक्री में काफी गिरावट आई है।

एफएआईएफए ने कहा कि देश में अवैध सिगरेट का बाजार वर्ष 2006 के 13.5 अरब सिगरेट के मुकाबले दोगुना होकर वर्ष 2019 में 28 अरब सिगरेट हो गया है।

बयान में कहा गया है कि चूंकि तस्करी की गई सिगरेट में भारतीय तंबाकू का उपयोग नहीं किया जाता है, देश में कानूनी सिगरेट के निर्माण के लिए तंबाकू के उठाव की मात्रा में कमी आ रही है।

राजेश

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