जरुरी जानकारी | सरकार ने दोहरे उपयोग वाले वस्तुओं के निर्यात नियमों के उल्लंघन को लेकर दिशानिर्देश जारी किये

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सरकार ने विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी वस्तुओं (स्कोमेट) के निर्यात में नियमों के उल्लंघन को लेकर स्वैच्छिक खुलासे के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोटिस में यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, 16 जनवरी सरकार ने विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी वस्तुओं (स्कोमेट) के निर्यात में नियमों के उल्लंघन को लेकर स्वैच्छिक खुलासे के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोटिस में यह जानकारी दी।

स्कोमेट दोहरे उपयोग वाली वस्तुएं हैं। इनका उपयोग असैन्य और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा है, ‘‘स्कोमेट वस्तुओं के निर्यात और स्कोमेट नियमों से संबंधित नियमों गैर-अनुपालन/उल्लंघन के स्वैच्छिक खुलासे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)/दिशानिर्देश अधिसूचित किये गये हैं।’’

नियमों के उल्लंघन में पूर्व अनुमति के बिना इन वस्तुओं का निर्यात या सूचना देने की आवश्यकताओं का अनुपालन करने में विफल रहना शामिल है।

इसमें कहा गया है कि आवेदनों पर विचार करने के लिए खुलासा मामलों को निदेशालय में एक अंतर-मंत्रालयी कार्यसमूह के समक्ष रखा जाएगा।

दिशानिर्देशों के अनुसार, यह समूह प्रत्येक मामले पर उसके गुण-दोष के आधार पर विचार करेगा।

डीजीएफटी ने कहा कि ऐसे मौके हो सकते हैं जहां जिम्मेदार निर्यातकों ने विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम, जन संहार के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम और निर्यात नियंत्रण तथा सीमा शुल्क अधिनियिम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है।

यह निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के अनुपालन में विफल रहने की स्थिति में स्वैच्छिक खुलासे को प्रोत्साहित करता है। साथ ही गैर-अनुपालन की घटनाओं से बचने के लिए निर्यातकों को जागरूक करता है।

मानदंडों के अनुसार, किसी कंपनी को उल्लंघन का पता चलने और आंतरिक रूप से पुष्टि होने के तुरंत बाद डीजीएफटी को सूचित करना होता है। निर्यातकों को ऐसे उल्लंघनों का सारा विवरण निदेशालय को सौंपना होगा।

खुलासे पर विचार करने के बाद, कार्यसमूह डीजीएफटी को सिफारिशें करेगा या फिर निर्यातकों को सूचित करेगा कि आगे कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। या जरूरत के मुताबिक कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है अथवा प्रतिकूल रिपोर्ट पर विधि सम्मत आदेश जारी कर सकता है।

अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार और यूएवी (ड्रोन) हस्तांतरण की सुविधा के लिए भारत की तीन कंपनियों सहित एक दर्जन से अधिक कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए थे।

अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा था कि इन कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों ने यूक्रेन में रूस के युद्ध के लिए ईरान के ड्रोन की गोपनीय तरीके से बिक्री को सुविधाजनक बनाने और वित्तपोषण करने में केंद्रीय भूमिका निभाई है।

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