महिला आरक्षण से संबंधित नारीशक्ति वंदन विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार संकल्पबद्ध: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा की उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’’ को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।
नयी दिल्ली, 19 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा की उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’’ को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है. उन्होंने नये संसद भवन में कार्यवाही के पहले दिन लोकसभा में अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले भी कई बार संसद में पेश किया जा चुका है, लेकिन ‘‘महिलाओं को अधिकार देने, उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस काम के लिए.ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र कार्यों के लिए मुझे चुना है’’.
मोदी ने कहा, ‘‘आज इस ऐतिहासिक मौके पर नये संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के रूप में देश में नये बदलाव का आह्वान किया जा रहा है. देश की नारीशक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नये प्रवेशद्वार खोल दें. इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नये सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज के ये पल, आज का यह दिवस आशीर्वाद प्राप्त करते हुए इतिहास में नाम दर्ज करने वाला समय है। यह हम सबके लिए गर्व करने वाला पल है.
उन्होंने कहा कि महिला नीत विकास के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए सरकार आज प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है जिसका लक्ष्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करने का है. मोदी ने कहा, ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को कानून बनाने के लिए संकपबद्ध हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की भारत की अध्यक्षता में महिला सशक्तीकरण की चर्चा का दुनिया स्वागत कर रही है, उसे स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया समझ रही है कि सिर्फ महिलाओं की विकास की बात पर्याप्त नहीं हैं, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में उस नये पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, तो आवश्यक है कि महिला नीत विकास को बल दें. उन्होंने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में ऐसे क्षण आते हैं जब वह गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है.
मोदी ने कहा कि अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं, बहुत वाद-विवाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं और इस कड़ी में 1996 में इससे जुड़ा विधेयक पहली बार आया था. मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और वह सपना अधूरा रह गया.
उन्होंने कहा कि कल ही मंत्रिमंडल में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी गई है और ‘‘आज 19 सितंबर की ये तारीख इसलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है.’’ उन्होंने दोनों सदनों के सदस्यों से इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कराने का आग्रह किया. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण के प्रावधान वाला संविधान (128वां संशोधन) विधेयक 2023 पेश कर दिया.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)