नयी दिल्ली, 14 सितंबर: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डीजल वाहनों पर कराधान संबंधी अपने बयान पर बृहस्पतिवार को एक बार फिर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसे वाहनों पर अतिरिक्त कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि वह वाहन विनिर्माताओं को सिर्फ प्रदूषण घटाने के लिए कदम उठाने का संकेत दे रहे थे. इस सप्ताह की शुरुआत में गडकरी ने उत्सर्जन में कटौती के लिए डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की जरूरत बताई थी। उनके इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया था.
गडकरी ने सीएनबीसी-टीवी18 से कहा, ‘‘मैं डीजल ईंधन के खिलाफ नहीं हूं और न ही हम डीजल वाहनों पर कोई कर लगाने जा रहे हैं.’’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के दृष्टिकोण से डीजल बहुत खतरनाक है और यह वास्तव में देश में स्वास्थ्य समस्या पैदा कर रहा है. गडकरी ने कहा कि वह किसी भी उद्योग के खिलाफ नहीं हैं. सरकार पहले ही इलेक्ट्रिक कारों पर प्रोत्साहन दे रही है.उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उद्योग जगत को मेरा सुझाव है कि (प्रदूषण कम करने का) सबसे अच्छा तरीका वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान केंद्रित करना है.’’
गत 12 सितंबर को वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने कहा था कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता है और डीजल वाहनों की बिक्री को रोकने के लिए करों में बढ़ोतरी का मामला बनता है. उन्होंने कहा था, ‘‘मैं वित्त मंत्री से डीजल इंजन/वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का अनुरोध कर रहा हूं. डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का यही एकमात्र तरीका है.’’ हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर स्पष्ट किया था कि सरकार के पास डीजल वाहनों पर अतिरिक्त कर लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.’’
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