कोविड के बाद वैश्विक पुनर्निर्माण टिकाऊ समाज बनाने का अनूठा अवसर: दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति

अफ्रीकी संघ के जी20 का स्थायी सदस्य बनने के साथ ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद ‘वैश्विक पुनर्निर्माण’, कम कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन से मुकाबले और टिकाऊ समाज की ओर बदलाव में तेजी लाने का एक अनूठा अवसर लेकर आया है।

नयी दिल्ली, 9 सितबर: अफ्रीकी संघ के जी20 का स्थायी सदस्य बनने के साथ ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद ‘वैश्विक पुनर्निर्माण’, कम कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन से मुकाबले और टिकाऊ समाज की ओर बदलाव में तेजी लाने का एक अनूठा अवसर लेकर आया है. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में अफ्रीकी संघ के जी20 का सदस्य बनने पर खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वैश्विक पुनर्निर्माण, कम कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ समाज की ओर बदलाव को तेज करने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। इस संकट के लिए सबसे कम जिम्मेदार होने के बावजूद विकासशील अर्थव्यवस्थाएं जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगत रही हैं.’’

उन्होंने कहा कि अफ्रीकी और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों के रूप में, हम गरीबी, असमानता और बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण विकासात्मक चुनौतियों के बीच अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के दबाव का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण क्षरण, अस्थिर खपत और उत्पादन तथा संसाधनों की कमी ऐसी चुनौतियां हैं जिनका समाधान केवल सामूहिक रूप से और एकजुटता के साथ किया जा सकता है.’’ रामफोसा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका सतत विकास के लिए एक बढ़ी हुई और विस्तारित वैश्विक साझेदारी का आह्वान करता है और यह विकास के लिए वित्तपोषण पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा में उल्लिखित ठोस नीतियों और कार्यों द्वारा समर्थित होना चाहिए.

भारत की जी20 अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करते हुए 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह का नया स्थायी सदस्य बन गया. वर्ष 1999 में अपनी स्थापना के बाद से यह प्रभावशाली ब्लॉक का पहला विस्तार है.जी20 के सभी सदस्य देशों ने ग्लोबल साउथ के प्रमुख समूह को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की की श्रेणी में लाने के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.

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