देश की खबरें | जी-20 बैठक शांतिपूर्ण तरीके से होगी : कश्मीर के शीर्ष पुलिस अधिकारी

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श्रीनगर, 12 मई जम्मू-कश्मीर में होने वाली अहम जी-20 की बैठक से पहले आतंकवादी हमले के खतरों के बीच कश्मीर घाटी के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुलिस बल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रात के दौरान श्रीनगर का औचक निरीक्षण किया और कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की बड़ी सफलता सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन सुरक्षा बलों का पहरा रहेगा।

शहर के अंदरूनी इलाकों में सड़कों और गलियों से गुजरते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार पठानचौक में स्थित पुलिस चौकी पहुंचे। इस क्षेत्र में हमेशा वाहनों की आवाजाही लगी रहती है क्योंकि यह घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है।

1997 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुमार ने कुछ समय अपने जवानों के साथ बिताया जो इस अहम राजमार्ग के पास कड़ी निगरानी में जुटे रहते हैं। यह राजमार्ग आतंकवादियों के लिए श्रीनगर में प्रवेश का संभावित मार्ग हो सकता है।

कुमार के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल भी थे। कुमार ने जवानों की मुश्किलों के बारे में जाना और साथ ही उन्हें विकट परिस्थितियों में अपना काम करने के लिए मार्गदर्शन भी दिया।

कुमार ने ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से कहा, ‘‘यह बेहद दबाव वाला कार्य है। हमें अंत तक 100 प्रतिशत सतर्क रहना पड़ता है। किसी भी तरह की नाकामी की हमें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।’’

कुमार ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा कि पुलिस बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर हमारे पास 365 दिन एक नाका होता है, लेकिन जब भी कोई महत्वपूर्ण घटना होती है तो हम में से हर कोई यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर होता है कि लोग शांति से सोएं।’’

कुमार ने कहा, ‘‘नाकों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ी है और मेरे कई वरिष्ठ अधिकारी पिछले 15 दिनों से शहर के चारों ओर घूम रहे हैं। आज मैं उनका मनोबल बढ़ाने और सड़क पर अपने जवानों के साथ खड़े होने के लिए खुद निकला हूं।’’

उन्होंने कहा कि यह गश्त उन इलाकों में रात के दौरान सुरक्षा बनाए रखने की कवायद का हिस्सा है और यह दक्षिण कश्मीर से शहर में घुसने वाले आतंकवादियों के किसी भी खतरे का मुकाबला करने में मदद करती है।

उन्होंने स्वीकार किया कि आगामी जी-20 बैठक के मद्देनजर आतंकवादी संगठनों से खतरे की आशंका है।

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