विदेश की खबरें | फ़्रांस के धुर दक्षिणपंथी नेता जीन-मैरी ले पेन का 96 वर्ष की उम्र में निधन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. वह आव्रजन और बहु-संस्कृतिवाद के खिलाफ अपनी तीखी बयानबाजी के लिए जाने जाते थे और इसकी वजह से उन्हें कट्टर समर्थक और निंदक दोनों मिले।
वह आव्रजन और बहु-संस्कृतिवाद के खिलाफ अपनी तीखी बयानबाजी के लिए जाने जाते थे और इसकी वजह से उन्हें कट्टर समर्थक और निंदक दोनों मिले।
फ्रांसीसी राजनीति में ध्रुवीकरण करने के लिए जाने वाले ले पेन के विवादास्पद बयानों, जिनमें होलोकॉस्ट से इंकार भी शामिल था, के कारण उनकी कई मामलों में दोषसिद्धि हुई और उनके राजनीतिक गठबंधन में तनाव पैदा हुआ।
ले पेन 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे दौर तक पहुंचे थे और अंतत: अपनी बेटी मरीन ले पेन से अलग हो गए। मरीन ने उनकी पार्टी का नाम बदलकर नेशनल फ्रंट रख दिया, उन्हें बाहर निकाल दिया और दल को फ्रांस की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक ताकतों में से एक बना दिया। मरीन ने अपने पिता की चरमपंथी छवि से किनारा कर लिया।
नेशनल रैली पार्टी के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘ एक्स’ पर एक पोस्ट में ले पेन की मृत्यु की पुष्टि की।
बार्डेला की असामान्य रूप से गर्मजोशी भरी श्रद्धांजलि में ले पेन के विवादास्पद अतीत पर प्रकाश डाला गया, जिसमें अल्जीरियाई युद्ध के साथ उनके संबंध भी शामिल थे। बार्डेला ने ले पेन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘हमेशा फ्रांस की सेवा की’’ और मरीन सहित उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मरीन ले पेन पिता की मृत्यु के समय, हजारों किलोमीटर दूर, फ्रांसीसी क्षेत्र मायोटे में विनाशकारी चक्रवात चिडो के बाद की स्थिति का निरीक्षण कर रही थीं।
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