नयी दिल्ली, 25 जुलाई महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
सदन में तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों-मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, जोतिमणि और राम्या हरिदास को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।
एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में तख्तियां भी थीं। शोर-शराबे के बीच ही कुछ सदस्यों ने नियम 377 के तहत अपने विषय रखे।
इसके बाद पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कहा कि कुछ सदस्य निरंतर तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे हैं जो सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने भी इस संबंध में सदस्यों को चेतावनी दी थी।
अग्रवाल ने कहा कि आसन के पास इन सदस्यों के नाम लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सदस्य कृपया इस चेतावनी का ध्यान रखें और किसी तरह की तख्ती नहीं दिखाएं।
उन्होंने कांग्रेस के चारों सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किये जाने की घोषणा की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आसन से चारों कांग्रेस सांसदों के खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया और इस संबंध में सदन में प्रस्ताव रखा।
अग्रवाल ने इसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न करीब 3:50 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले अपराह्न दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मेरी सहृदयता का अलग अर्थ नहीं निकालें। तीन बजे के बाद मैं सदन में चर्चा करवाने के लिए तैयार हूं। सरकार चर्चा कराने को तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन यदि तख्तियां ही दिखानी हैं तो तीन बजे बाद सदन के बाहर दिखाइएगा। बिरला ने कहा कि तीन बजे के बाद तख्तियां और नारे सदन के बाहर ही दिखा पाएंगे।
बिरला ने कहा, ‘‘सदन इस तरह नहीं चल सकता, ऐसी स्थिति सदन में नहीं रहने दूंगा।’’
देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह के कारण सदन की कार्यवाही आज अपराह्न 2 बजे से शुरू हुई थी।
बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उनके उत्तर दिये।
इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
शोर-शराबा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद अपराह्न 3 बजे तक स्थगित कर दी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)