बेंगलुरु, 10 सितंबर कर्नाटक सरकार के एक प्राधिकरण से संबंधित धन की हेराफेरी के मामले में यहां की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पांच लोगों को सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और कुल मिलाकर पांच करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।
न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने आठ सितंबर को सुनाए गए फैसले में पांच लोगों- कबाली आनंद, एच एस नागलिंगास्वामी, चंद्रशेखर, एच के नागराज और के बी हर्षन को दोषी ठहराया तथा उन पर कुल 5,02,75,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
इसमें से 5.02 करोड़ रुपये मंड्या शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) को मुआवजा के रूप में दिए जाएंगे, जिसके साथ इन पांचों लोगों ने धोखाधड़ी की और शेष राशि राज्य सरकार द्वारा जब्त कर ली जाएगी। जुर्माना राशि नहीं चुकाने पर दोषियों को दो साल और जेल में बिताने होंगे।
कर्नाटक सरकार के आदेश के आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 18 मार्च 2014 को मामला दर्ज किया था।
उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे। कबाली आनंद ए आर लॉजिस्टिक्स नाम की एक पंजीकृत कंपनी के जरिए लौह अयस्क का कारोबार करता है। नागलिंगास्वामी फ्यूचर फार्म एंड एस्टेट्स का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है, चंद्रशेखर रियल एस्टेट फर्म आकाश एंटरप्राइजेज का मालिक है, नागराज एमयूडीए में प्रथम श्रेणी सहायक है, और हर्षन, आनंद का कर्मचारी है।
मामले में, सभी पांच लोगों ने धोखाधड़ी से वाउचर और चेक भरे और फिर प्राधिकरण के नाम पर निवेश करने के लिए इंडियन बैंक, मंड्या शाखा के पक्ष में एमयूडीए के तत्कालीन आयुक्त द्वारा जारी किए गए प्रत्येक एक करोड़ रुपये की राशि के पांच चेक का दुरुपयोग किया।
अदालत ने कहा कि पांचों लोगों ने आकाश एंटरप्राइजेज के खाते में धन जमा करने की साजिश रची और एमयूडीए को पांच करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)