जरुरी जानकारी | राजकोषीय घाटा अप्रैल-फरवरी के दौरान संशोधित अनुमान का 76 प्रतिशत: सीजीए
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा फरवरी अंत में संशोधित अनुमान का 76 प्रतिशत रहा। यह बताता है कि राजकोषीय घाटा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में जताये गये अनुमान के दायरे में ही रहेगा।
नयी दिल्ली, 31 मार्च केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा फरवरी अंत में संशोधित अनुमान का 76 प्रतिशत रहा। यह बताता है कि राजकोषीय घाटा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में जताये गये अनुमान के दायरे में ही रहेगा।
वित्त मंत्री ने एक फरवरी को बजट पेश करते हुए 2020-21 के लिये राजकोषीय घाटा 18.48 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 9.5 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान जताया था। बजट में मूल रूप से इसके 7.96 लाख करोड़ रुपये या 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के कारण खर्च बढ़ने से सरकार का घाटा बढ़ा है।
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के अनुसार फरवरी के अंत में राजकोषीय घाटा 14.05 लाख करोड़ रुपये या संशोधित अनुमान 76 प्रतिशत रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 135.2 प्रतिशत था।
सरकार की कुल प्राप्ति 2021-21 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 14,13,096 करोड़ रुपये रही जो संशोधित अनुमान का 88.2 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में संग्रह अनुमान का 74 प्रतिशत था।
सीजीए के अनुसार केंद्र का कुल व्यय 28,18,643 करोड़ रुपये या संशोधित अनुमान का 81.7 प्रतिशत रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 91.4 प्रतिशत था।
राजकोषीय घाटा सरकार के व्यय और कर तथा अन्य स्रोतों से प्राप्ति के बीच अंतर को बताता है।
वित्त वर्ष 2019-20 में मुख्य रूप से राजस्व संग्रह कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.6 प्रतिशत रहा था।
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटा 2025-26 तक कम कर 4.5 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव किया है।
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