देश की खबरें | एएमयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए विरोध प्रदर्शन के आरोप में नौ छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रसंघ के चुनाव को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले नौ छात्रों तथा पूर्व छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अलीगढ़, 22 नवंबर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रसंघ के चुनाव को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले नौ छात्रों तथा पूर्व छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना में आरोपी छात्रों और पूर्व छात्रों की भूमिका के लिए सिविल लाइंस पुलिस थाना में उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

कुलपति के आवास और कार्यालय पर धरना देने सहित विरोध प्रदर्शनों में शामिल आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है।

एएमयू अधिकारियों के अनुसार, तीन पूर्व छात्रों- पारस मोहम्मद, मोहम्मद शोएब और मोहम्मद सलमान अली को अगले पांच वर्षों के लिए विश्वविद्यालय में किसी भी पाठ्यक्रम में भविष्य में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने परिसर में उनके प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि इन व्यक्तियों पर कुलपति की कार को घेरने और वाहन का पीछा करने तथा तोड़फोड़ करने सहित विघटनकारी व्यवहार में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

कुलपति ने विश्वविद्यालय के नियमों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया कि तीनों पूर्व छात्रों को परिसर में दोबारा प्रवेश करने और भविष्य में किसी भी शैक्षणिक गतिविधि में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाए।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना में आरोपी छात्रों और पूर्व छात्रों की भूमिका के लिए सिविल लाइंस पुलिस थाना में उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पूर्व छात्रों के अलावा, विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए एएमयू के छह मौजूदा छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन छात्रों- मिस्बाह कैसर (बी.आर्क.), जकीउर रहमान (मास कॉम), मोहम्मद अदील खान (एमए समाजशास्त्र), मोहम्मद दानिश (एमए महिला अध्ययन), अरीब अहमद (शोध छात्र राजनीति विज्ञान) और इरफानुल शब्बीर (स्नातक) को आगे की जांच पूरी होने तक परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।

निलंबन नोटिस में कहा गया है कि छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के लिए अपमानजनक नारे लगाए और रजिस्ट्रार कार्यालय के कामकाज में बाधा डाली। कुलपति कथित तौर पर प्रॉक्टोरियल टीम द्वारा समय पर हस्तक्षेप करने के कारण भीड़ से बाल-बाल बच गए।

विश्वविद्यालय ने इन छात्रों पर अनुशासनहीनता और कदाचार का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

विश्वविद्यालय की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए एएमयू शिक्षक संघ के सचिव ओबैद अहमद सिद्दीकी ने परिसर में लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन पर चिंता व्यक्त की।

सिद्दीकी ने कहा, " हम अनुशासनहीनता या हिंसा के किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं कर सकते, लेकिन हमें यह भी पहचानना चाहिए कि छात्र संघ चुनाव और अकादमिक परिषद में संकाय सदस्यों का प्रतिनिधित्व जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दबाना किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए स्वस्थ नहीं है।"

निलंबन और प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई एएमयू छात्र संघ चुनावों को फिर से शुरू करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा हफ्तों तक किए गए विरोध प्रदर्शनों के बाद हुआ है। एएमयू में 2019 से छात्रसंघ का चुनाव नहीं हुआ है।

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