देश की खबरें | नेत्र बैंक, अस्पताल एनओटीटीओ के साथ ऊतक, कॉर्निया प्रत्यारोपण दर्ज करेंगे : केंद्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे नेत्र बैंकों और ऊतक या कॉर्निया प्रत्यारोपण करने वाले अस्पतालों को निर्देश दें कि वे ऐसी प्रक्रियाओं को अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) द्वारा बनायी गयी राष्ट्रीय रजिस्ट्री के साथ दर्ज करें।
नयी दिल्ली, 24 नवंबर केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे नेत्र बैंकों और ऊतक या कॉर्निया प्रत्यारोपण करने वाले अस्पतालों को निर्देश दें कि वे ऐसी प्रक्रियाओं को अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) द्वारा बनायी गयी राष्ट्रीय रजिस्ट्री के साथ दर्ज करें।
अस्पतालों और नेत्र बैंकों को ऊतक व कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा कर रहे रोगियों की संख्या, दान और प्रत्यारोपण की संख्या, तथा संग्रहित और उपयोग किए गए ऊतक व कॉर्निया की संख्या के बारे में आंकड़े साझा करने होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस तरह यकृत और गुर्दा जैसे अंगों के प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची को केंद्रीकृत मंच पर देखा जा सकता है, उसी तरह कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की सूची भी उपलब्ध कराई जाएगी।
एनओटीटीओ के निदेशक डॉ. अनिल कुमार द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रत्येक राज्य के उपयुक्त प्राधिकारी को सभी पंजीकृत केंद्रों से ऊतक/कॉर्निया दान और प्रत्यारोपण के आंकड़े एकत्र करने चाहिए और उसे हर महीने एनओटीटीओ को उपलब्ध कराना चाहिए।’’
इसमें कहा गया है कि 14 मई को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कॉर्निया दान, पुनः प्राप्ति और वितरण के लिए एक केंद्रीकृत रजिस्ट्री प्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया था।
मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 (टीएचओटीए) के अनुसार, केंद्र सरकार को अंग एवं ऊतक दाताओं एवं प्राप्तकर्ताओं के लिए एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री के आंकड़े दर्ज रखना अनिवार्य है।
पत्र में यह भी कहा गया कि कई गैर-निष्पादित नेत्र बैंक हैं, जिन्हें पंजीकरण प्रदान किया गया है। टीएचओटीए नियम, 2014 के अनुसार, प्रत्येक नेत्र बैंक द्वारा पांच वर्षों में न्यूनतम 500 कॉर्निया एकत्र किए जाने चाहिए।
इसमें कहा गया, ‘‘राज्य के उपयुक्त प्राधिकारी से अनुरोध है कि वे पंजीकृत नेत्र बैंकों द्वारा प्रतिवर्ष नेत्र/कॉर्निया संग्रह के आंकड़ों की जांच करें तथा कम प्रदर्शन के मामले में, प्राधिकारी नेत्र बैंक को अपनी नेत्रदान गतिविधियों को बढ़ाने के लिए चेतावनी नोटिस जारी करने पर विचार कर सकते हैं, अन्यथा कम प्रदर्शन के मामले में अगले कार्यकाल के लिए संभवत: उनके नवीनीकरण पर विचार न किया जा सके।’’
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