नयी दिल्ली, दो मार्च लगातार दो माह तक सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने के बाद देश के निर्यात में फिर गिरावट आई है। फरवरी माह में निर्यात 0.25 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 27.67 अरब डॉलर रह गया। वहीं, इस दौरान आयात 6.98 प्रतिशत बढ़कर 40.55 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी शुरुआती आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि फरवरी में व्यापार घाटा बढ़कर 12.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 10.16 अरब डॉलर रहा था।
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल निर्यात 12.32 प्र्रतिशत की गिरावट के साथ 255.92 अरब डॉलर रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में निर्यात 291.87 अरब डॉलर रहा था।
अप्रैल-फरवरी के दौरान आयात भी 23 प्रतिशत घटकर 340.88 अरब डॉलर रह गया।
अकेले फरवरी में तेल आयात 16.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8.99 अरब डॉलर रह गया। वहीं वित्त वर्ष के पहले 11 माह में तेल आयात में 40.18 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 72.08 अरब डॉलर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार फरवरी में खली, लौह अयस्क, चावल, मीट, डेयरी और पॉल्ट्री उत्पाद, कालीन, मसालों, फार्मास्युटिकल्स और रसायनों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई।
वहीं दूसरी ओर पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 27.13 प्रतिशत, चमड़े का 21.62 प्रतिशत, काजू का 18.6 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषण का 11.18 प्रतिशत, इंजीनियरिंग सामान का 2.56 प्रतिशत, चाय का 2.49 प्रतिशत और कॉफी का निर्यात 0.73 प्रतिशत नीचे आया।
समीक्षाधीन महीनों में जिन महत्वपूर्ण उत्पादों का आयात बढ़ा उनमें सोना, डाइंग/टैनिंग/कलरिंग सामान, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, लौह एवं इस्पात शामिल हैं। वहीं चांदी, अखबारी कागज, कोयला, चमड़ा, परिवहन उपकरण, पेट्रोलियम उत्पादन, दालों, मशीन ट्रल, कच्ची कपास और बहुमूल्य और अर्द्ध-बहुमूल्य रत्नों का आयात घट गया।
फरवरी में सोने का आयात बढ़कर तीन अरब डॉलर पर पहुंच गया। जनवरी में देश का निर्यात लगातार दूसरे महीने बढ़ा था। जनवरी में निर्यात का आंकड़ा 6.16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 27.45 अरब डॉलर पर पहुंचा था।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष एस के सर्राफ ने कहा कि ने केवल ऑर्डरों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर मांग भी बेहतर हो रही है। ऐसे में क्षेत्र के लिए आगे आने वाले दिन और महीने अच्छे रहने वाले हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन से बढ़ते निर्यात की वजह से क्षेत्र में कंटेनरों की कमी हो गई है। ज्यादा खाली कंटनेर सिर्फ चीन से निर्यात के लिए उपलब्ध हैं।
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