नयी दिल्ली, 15 दिसंबर देश के निर्यात में लगातार दूसरे महीने गिरावट आयी है। नवंबर महीने में निर्यात 8.74 प्रतिशत घटकर 23.52 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रसायन और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के निर्यात घटने से कुल निर्यात कम रहा है।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार आयात में लगातार नौवें महीने गिरावट आयी है। आलोच्य महीने में आयात 13.32 प्रतिशत घटकर 33.39 अरब डॉलर रह गया।
इससे व्यापार घाटा कम होकर 9.87 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले नवंबर 2019 में यह 12.75 अरब डॉलर था हालांकि, व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच अंतर) अक्टूबर महीने के 8.78 अरब डॉलर के मुकाबले बढ़ा है।
देश का निर्यात नवंबर 2019 में 25.77 अरब डॉलर रहा था।
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चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के आठ माह की अवधि के दौरान निर्यात 17.76 प्रतिशत घटकर 173.66 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 33.55 प्रतिशत कम होकर 215.69 अरब डॉलर रह गया।
इससे व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ महीनों में 42 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 113.42 अरब डॉलर था।
आंकड़े के अनुसार नवंबर महीने में तेल आयात 43.36 प्रतिशत घटकर 6.27 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष में पहले आठ महीने के दौरान आयात 48.7 प्रतिशत घटकर 44.11 अरब डॉलर रहा।
नवंबर महीने में जिन क्षेत्रों के निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (-59.73 प्रतिशत), चमड़ा (-29.8 प्रतिशत), काजू (-24.53 प्रतिशत), प्लास्टिक और लिनोलियम (-23.26 प्रतिशत), समुद्री उत्पाद (-16 प्रतिशत), तिलहन (-15.2 प्रतिशत), मानव निर्मित धागा/कपड़ा/मेड अप (-11 प्रतिशत), इंजीनियिरिंग सामान (-8.12 प्रतिशत), रसायन (-8 प्रतिशत) कॉफी (-1.27 प्रतिशत) और सिले-सिलाये कपड़े (-1.19 प्रतिशत) शामिल हैं।
हालांकि, ऑयल मिल, लौह अयस्क, चावल, सेरेमिक उत्पाद और हस्तशिल्प के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गयी।
आंकड़े के अनुसार सोने का आयात करीब 3 प्रतिशत बढ़कर 3 अरब डॉलर रहा।
आंकड़ों के बारे में भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में गिरावट से कुल मिलाकर निर्यात घटा है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण निर्यात घटा है। इसमें कंटनेरों की आवाजाही पर पाबंदी और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में गिरावट शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कुछ राज्यों में किसानों के आंदोलन से भी आलोच्य महीने में निर्यात पर असर पड़ा। निर्यात में पुनरूद्धार के संकेत हैं क्योंकि आर्डर बुकिंग की स्थिति लगातार सुधर रही है। कुछ और नये आर्डर आ रहे हैं।’’
सर्राफ ने कहा, ‘‘अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, हमारा अनुमान है कि 2020-21 में वस्तु निर्यात 290 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा।’’
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