जरुरी जानकारी | ईपीएस 95: न्यूनतम पेंशन 7,500 रु. करने की मांग को लेकर पेंशनधारकों ने की वित्त मंत्री से मुलाकात
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पेंशनधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।
नयी दिल्ली, 10 जनवरी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पेंशनधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।
ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने सीतारमण से मुलाकात की।
बैठक के बाद राउत ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।’’
राउत के अनुसार, “यह आश्वासन हमें उम्मीद देता है। सरकार को आगामी बजट में 7,500 रुपये न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ता की घोषणा करनी चाहिए। इससे कम कुछ भी वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देने में विफल होगा।”
वित्त मंत्री सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट एक फरवरी, 2025 को संसद में पेश करेंगी।
पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं।
राउत ने मुलाकात से पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), निजी संगठनों, और देशभर के कारखानों से जुड़े 78 लाख से अधिक ‘पेंशनधारकों की दुर्दशा’ का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि पेंशनधारक सात-आठ साल से महंगाई भत्ता के साथ-साथ न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने और पेंशनधारकों तथा उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा उपचार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।
राउत ने दावा किया कि सरकार द्वारा 2014 में 1,000 रुपये न्यूनतम पेंशन की घोषणा के बावजूद, अभी भी 36.60 लाख से अधिक पेंशनभोगी इससे कम राशि प्राप्त कर रहे हैं।
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