देश की खबरें | बिहार के नियोजित शिक्षक नियमित होने के बाद भी अपने मौजूदा पदस्थापन स्थान पर बने रहेंगे

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पटना, 19 दिसंबर बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ऐसे शिक्षक अपनी सेवाओं के नियमित होने और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने के बाद भी अपने वर्तमान पदस्थापन स्थान पर बने रहेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से 3.39 लाख से अधिक ऐसे शिक्षकों (जिन्हें वैकल्पिक रूप से नियोजित शिक्षक कहा जाता है) को लाभ मिलने की संभावना है।

ऐसे कुल 3.39 लाख शिक्षकों में से 2.53 लाख सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद अब ‘विशिष्ट शिक्षक’ बन गए हैं। करीब 85,609 ऐसे शिक्षक अभी तक सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं।

वर्ष 2006 में इन शिक्षकों की नियुक्ति पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के माध्यम से की गई थी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘लगभग 2.53 लाख विशिष्ट शिक्षक अपने वर्तमान पदस्थापन स्थान पर बने रहेंगे। उनका तबादला नहीं किया जाएगा क्योंकि राज्य मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 के स्थानांतरण/पदस्थापन खंड में संशोधन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब मंत्रिमंडल के इस फैसले को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।’’

विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 के प्रावधानों के अनुसार नियोजित शिक्षक जिन्होंने सक्षमता परीक्षा पास कर ली है, उन्हें बिहार में 'विशिष्ट शिक्षक' कहा जाता है और उन्हें नियमित सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है।

सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘इन शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने के लिए अनिवार्य 'सक्षमता परीक्षा' पास करनी होगी। सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक शिक्षक को परीक्षा (योग्यता) पास करने के लिए कुल पांच मौके (तीन ऑनलाइन और दो ऑफलाइन) दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल ने इसे भी मंजूरी दे दी। पहले ऐसे शिक्षकों को केवल तीन मौके दिए जाते थे।’’

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ऐसे शिक्षकों की वर्तमान पदस्थापना पर नियुक्ति ‘अनंतिम’ होगी। सिद्धार्थ ने कहा, ‘यदि सरकार भविष्य में संशोधित नियमों में कोई बदलाव करती है, तो उसे नियम के अनुसार संशोधित किया जाएगा।’

एसीएस ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत प्रावधानों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में ऐसे शिक्षकों को उनकी वर्तमान पदस्थापना से स्थानांतरित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि (अनंतिम शिक्षक) सरकार विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं या अन्य शिक्षकों को ऐसे कृत्यों के लिए उकसाते हैं या जिस स्कूल में वे पदस्थापित हैं, वहां का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं तो ऐसी परिस्थितियों में संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट और विभाग के वरीय अधिकारियों की मंजूरी के आधार पर ऐसे शिक्षकों को अन्य स्कूलों या जिले से बाहर भी स्थानांतरित किया जाएगा।’’

सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि प्रारंभ में सक्षम प्राधिकारी से शिकायत मिलने के बाद ऐसे शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

उन्होंने मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर अन्य निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मधुबनी जिले के जयनगर में कमला नदी के बांध को बैराज में बदलने के लिए मंत्रिमंडल ने 642.64 करोड़ रुपये की राशि को भी मंजूरी दी है।’’

राज्य जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमला बांध को बैराज में बदलने से कई एकड़ भूमि में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता पैदा होगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की गारंटी भी मिलेगी जिससे उनकी आर्थिक वृद्धि होगी।’’

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