ED ने UP के बाइक टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ दर्ज पीएमएलए मामले में और संपत्तियां कुर्क कीं

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के 'बाइक टैक्सी एग्रीगेटर' और उसके कई 'प्रमोटर'के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच के तहत पांच करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्ति कुर्क की है.

Enforcement Directorate (Photo Credit: X)

नयी दिल्ली, 27 जून : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के 'बाइक टैक्सी एग्रीगेटर' और उसके कई 'प्रमोटर'के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच के तहत पांच करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने एक बयान में कहा कि हेलो राइड लिमिटेड कंपनी के निदेशकों, अध्यक्षों, कई एजेंट और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है. उसने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कानपुर और लखनऊ से खेत और भूखंड को कुर्क किया गया है. इन संपत्तियों का कुल मूल्य 5.35 करोड़ रुपये है.

ईडी ने पहले इस मामले में 2.38 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की थी और अब कुर्क की गई कुल संपत्ति की कीमत 7.73 करोड़ रुपये हो गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कंपनी और इसके प्रमोटर अभय कुमार कुशवाहा, नीलम वर्मा, निखिल कुशवाहा, राजेश पांडे, शकील अहमद, रागिनी गुप्ता और अन्य के खिलाफ लगभग तीन दर्जन प्राथमिकी दर्ज करने के बाद धनशोधन यह का मामला सामने आया था. यह भी पढ़ें : LK Advani Admitted in Hospital: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को एम्स अस्पताल से दी गई छुट्टी

ईडी ने कहा कि कंपनी द्वारा हेलो राइड ब्रांड नाम के तहत बाइक टैक्सी योजना शुरू करने पर अभय कुशवाहा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 'अपराध से धन अर्जित किया' था. हेलो राइड ओला और उबर जैसे एग्रीगेटर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की तरह ही थी. उसने बताया कि कंपनी ने प्रति बाइक 61,000 रुपये के शुरुआती निवेश पर 12 महीने के लिए 9,585 रुपये प्रति माह भुगतान करने का वादा किया था. निवेश पर अधिक मुनाफे के लालच में हेलो राइड के निदेशकों और एजेंटों ने आम जनता से भारी जमा राशि एकत्र की. ईडी ने कहा, 33 पुलिस एफआईआर में शामिल कुल राशि (कथित तौर पर निवेशकों से एकत्र की गई) 10,93,71,000 रुपये है.

Share Now

\