जरुरी जानकारी | नए साल में अर्थव्यवस्था को वृद्धि की आस; महामारी, मुद्रास्फीति की चुनौतियां बरकरार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को वृद्धि की उम्मीद है, हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और महंगाई के कारण चुनौतियां भी बरकरार हैं।

नयी दिल्ली, एक जनवरी महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को वृद्धि की उम्मीद है, हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और महंगाई के कारण चुनौतियां भी बरकरार हैं।

वर्ष 2022 की शुरुआत में बजटीय घोषणाओं से लेकर प्रोत्साहन उपायों को जारी रखने के बारे में फैसले और मौद्रिक नीति के रुख के आधार पर घरेलू अर्थव्यवस्था की दिशा तय होगी। घरेलू अर्थव्यस्था के मार्च, 2022 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान नौ प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने का अनुमान है।

इस बीच, ओमीक्रोन स्वरूप के प्रकोप से बचने की दिशा में टीकाकरण अभियान में तेजी और चुनिंदा श्रेणियों के लोगों के लिए अतिरिक्त खुराक से मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था में एक मजबूत सुधार देखने को मिलेगा और इसके कोविड से पहले के स्तर से आगे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, अगर वायरस का प्रकोप अनियंत्रित हुआ, तो वृद्धि प्रभावित हो सकती है।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था ने 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। ऐसा कम आधार प्रभाव के चलते हुआ।

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में नौ प्रतिशत से अधिक की संभावित वृद्धि अच्छी है, हालांकि देश को लंबी अवधि में लगातार आठ प्रतिशत की वृद्धि की जरूरत है।

रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अधिकांश प्रतिबंधों को हटाने के बाद सेवा क्षेत्र में एक मजबूत उछाल आएगा।

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