देश की खबरें | डूसू चुनाव : अदालत ने सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने वालों पर कार्रवाई नहीं होने पर नाखुशी जताई

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नयी दिल्ली, 24 सितंबर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य प्राधिकारियों को छात्र संघ चुनावों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए आड़े हाथों लिया।

उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने में शामिल उम्मीदवारों को अयोग्यता नोटिस जारी करे तथा उनसे हुए नुकसान की भरपाई भी करे।

उच्च न्यायालय के मनोनीत मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘आप आज ही उन्हें अयोग्यता नोटिस जारी करें और संपत्ति को विरूपित करने के लिए भरपाई की मांग करें। दिल्ली मेट्रो और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को डीयू को उन लोगों के नाम बताने चाहिए, जो सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित कर रहे हैं।’’

अदालत ने डीयू के मुख्य चुनाव अधिकारी को बुधवार को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।

पीठ बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के उम्मीदवारों और छात्र राजनीतिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर आगे की सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता एवं वकील प्रशांत मनचंदा ने अपनी याचिका में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, विरूपित करने, गंदा करने या उनकी सुंदरता को नष्ट करने में शामिल उम्मीदवारों और छात्र राजनीतिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है।

सुनवाई के दौरान मनचंदा ने दलील दी कि डूसू चुनाव 27 सितंबर को होंगे तथा कुछ उम्मीदवारों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर इसे जल्द से जल्द नहीं रोका गया, तो इससे पूरी राष्ट्रीय राजधानी को अपूरणीय क्षति होगी और बसों, दिल्ली मेट्रो स्टेशन की दीवारों, सार्वजनिक दीवारों, बस स्टैंड, पुलिस थानों, सड़कों और निजी संपत्ति सहित हर जगह नुकसान हुआ है।

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