जरुरी जानकारी | डीआरआई अधिकारियों को आयातित उत्पादों पर शुल्क वसूलने का अधिकारः सीमा शुल्क विभाग

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नयी दिल्ली, 11 सितंबर सीमा शुल्क विभाग ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों को सीमा शुल्क अधिनियम के तहत आयात के लिए मंजूरी दी जा चुकी वस्तुओं पर शुल्क वसूली की मांग करने का भी अधिकार है।

सीमा शुल्क विभाग ने डीआरआई अधिकारियों की शक्ति पर उच्चतम न्यायालय के 2021 में आए फैसले की समीक्षा के लिए दायर याचिका पर जारी सुनवाई के दौरान यह बात कही।

मार्च, 2021 के अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि डीआरआई अधिकारियों को सीमा शुल्क विभाग द्वारा आयात के लिए पहले से ही मंजूरी दी जा चुकी वस्तुओं पर शुल्क वसूल करने का कोई अधिकार नहीं है।

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया था। उस पीठ ने कहा था कि डीआरआई अधिकारी सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत ‘उचित अधिकारी’ नहीं है और उनके पास सीमा शुल्क विभाग द्वारा आयात के लिए पहले से मंजूरी दिए जा चुके माल पर शुल्क वसूली की मांग करने का अधिकार नहीं है।

इस फैसले के खिलाफ दायर अपील पर उच्चतम न्यायालय ने 19 मई, 2022 को सीमा शुल्क विभाग की समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई पर सहमति जताई थी।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने समीक्षा याचिका पर मंगलवार को सुनवाई शुरू की थी।

सीमा शुल्क विभाग की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि इस फैसले में रिकॉर्ड के आधार पर छह ‘स्पष्ट त्रुटियां’ हैं जो डीआरआई अधिकारी को सीमा शुल्क अधिकारी न मानने के निष्कर्ष तक पहुंचने से जुड़े प्रावधानों को इंगित करने में नाकाम रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक डीआरआई अधिकारी आज के समय में सीमा शुल्क अधिकारी हो सकता है। वर्ष 1977 के बाद से सीमा शुल्क विभाग और डीआरआई दोनों वित्त मंत्रालय का हिस्सा रहे हैं और उनके अधिकारी कानून के तहत अधिकारियों का एक वर्ग बनाते हैं।’’

वेंकटरमन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला एक ‘गलत धारणा’ पर आगे बढ़ता है कि एक डीआरआई अधिकारी सीमा शुल्क अधिनियम के तहत ‘उचित अधिकारी’ नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार के एक अलग विभाग का अधिकारी है।

हालांकि, इस मामले की सुनवाई अधूरी रही और बृहस्पतिवार को फिर से सुनवाई शुरू होगी।

शीर्ष अदालत का 2021 का फैसला कैनन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य फर्मों द्वारा सीमा शुल्क आयुक्त के खिलाफ दायर मामलों के एक समूह पर आया था। उसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) के 2017 के फैसले को चुनौती दी गई थी।

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