डॉक्टरों, नर्सों और कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को धार्मिक संस्थानों में ठहराया जाए: कर्मचारी संघ

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल कर वसूली में भारी गिरावट के मद्देनजर दिल्ली सरकार के कर्मचारी एसोसिएशन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डॉक्टरों, नर्सों एवं कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को ठहराने के लिए धार्मिक संस्थानों के परिसरों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।

इस सप्ताह के प्रारंभ में केजरीवाल ने कहा था कि सभी विभागों को कर्मचारियों की तनख्वाह को छोड़कर बाकी खर्च को बंद करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार को वर्तमान राजस्व स्थिति के मद्देनजर अपने व्यय में बहुत ही कटौती करना होगा।

एसोसिएशन के अनुसार सरकार ने कोविड-19 मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टरों के लिए पंचसितारा होटलों में ठहराने का इंतजाम किया है जिससे ऐसे वक्त में सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जब कर राजस्व में बहुत गिरावट आयी है।

दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लायीज वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा ने कहा कि सरकार एसोसिएशन की मांग पर ध्यान देकर ऐसे वित्तीय संकट में धन बचा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली में हमारे धार्मिक संस्थानों में अच्छी खासी जगह है जहां सरकार डॉक्टरों, नर्सों और कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को ठहरा सकती है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे मंदिरों, गुरद्वारों, गिरजाघरों और मस्जिदों की समितियां एवं प्रबंधन ऐसे श्रेष्ठ उद्देश्य के प्रति अनुरोध को अस्वीकार नहीं करेंगे।

बैजल और केजरीवाल को लिखे पत्र में बत्रा ने कहा कि इस कदम से न केवल पंचसितारा होटलों एवं रिसोर्ट में ‘अनावश्यक खर्च’ से सरकार को बचने में मदद मिलेगी बल्कि सरकारी कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उनके क्षेत्रों में सामुदायिक केंद्र और विद्यालय कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को पृथक वास में रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

दिल्ली में शुक्रवार तक कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 903 हो गये और 14 मरीजों की जान चली गयी।

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