ताजा खबरें | द्रमुक सांसद ने त्वरित वितरण कंपनियों की ओर से दवा पहुंचाए जाने पर जताई चिंता
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य कनिमोझी एनवीएन सोमू ने ऑनलाइन आर्डर के जरिए कंपनियों द्वारा 10 मिनट में ग्राहकों तक दवा पहुंचाए जाने के दावे का मुद्दा उठाया और इस पर चिंता जताते हुए सरकार से ऐसी डिलीवरी पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।
नयी दिल्ली, चार दिसंबर राज्यसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य कनिमोझी एनवीएन सोमू ने ऑनलाइन आर्डर के जरिए कंपनियों द्वारा 10 मिनट में ग्राहकों तक दवा पहुंचाए जाने के दावे का मुद्दा उठाया और इस पर चिंता जताते हुए सरकार से ऐसी डिलीवरी पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।
उच्च सदन में शून्यकाल में उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में ये कंपनियां दवा नियमों का उल्लंघन कर सकती हैं और इससे ग्राहकों के स्वास्थ्य पर असर भी पड़ सकता है।
सोमू ने कहा, ‘‘अल्ट्रा फास्ट डिलीवरी मॉडल से लोगों तक दवाओं की 10 मिनट में डिलीवरी करने का मॉडल भारतीय दवा नियमों का उल्लंघन करता है और जनता के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिम पैदा करता है।’’
उन्होंने आगे कहा कि केमिस्ट और ड्रगिस्ट के एक अखिल भारतीय संगठन ने भी इस मॉडल पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक खतरनाक मॉडल है ... (यह) रोगियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक नियामक जांच को दरकिनार कर देगा।’’
सोमू ने कहा कि भारत में दवाओं के वितरण और आपूर्ति में उपभोक्ताओं को नुकसान से बचाने के लिए सख्त दिशानिर्देश (प्रोटोकॉल) हैं।
राज्यसभा सदस्य ने सरकार से त्वरित वितरण कंपनियों द्वारा दवाओं के वितरण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया।
शून्यकाल में ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नरेश बंसल ने सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए ओटीटी मंचों पर सेंसरशिप लागू करने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘आजकल, बच्चों को मोबाइल फोन के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सामग्री देखने को मिल रही है, जिस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इनमें कई बार आपत्तिजनक और हानिकारक सामग्री होती है जो मानसिक रूप से परेशान करने वाले होते हैं। वे आपत्तिजनक दृश्य भी देखते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। साफ सुथरी सामग्री रहेगी तो कई गुना ज्यादा चलेगा। और लोग इसे देखना पसंद करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इनमें ऐसे आपत्तिजनक शब्द और संवाद होते हैं कि बच्चे उन्हें सीखते हैं और फिर बोलना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो सेंसरशिप होनी चाहिए। अगर ओटीटी मंच सीमा पार करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में ओटीटी मंचों पर जो कुछ दिखाया जाता है, इसके लिए कोई नियम नहीं है। जो कुछ दिखाया जाता है उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि ओटीटी सामग्री एक नियामक ढांचे के तहत हो और सरकार को इसके लिए प्रयास करना चाहिए।’’
भाजपा के इरण्ण कडाडी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता 1.3 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने की मांग की।
भाजपा के सदानंद म्हालू शेट तानवडे ने गोवा में अक्षम बैंकिंग प्रणाली के कारण छोटे एवं सूक्ष्म उद्यमों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने की जरूरत पर जोर दिया।
ब्रजेन्द्र
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