जयपुर, 11 जुलाई राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम ने मंगलवार को यहां सहकारी समितियां के उप रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक को पांच लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एक अन्य मामले में जालोर जिले में एक थानाधिकारी एवं हेड कांस्टेबल को परिवादी से 1.50 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने एक बयान में बताया कि जयपुर के दल ने सहकारी समितियां (जयपुर) के उप रजिस्ट्रार देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को मंगलवार को परिवादी से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि उप रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां जयपुर शहर) देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह द्वारा 20 लाख रुपये की रिश्वत राशि की मांग कर परिवादी को परेशान किया जा रहा था। उनके अनुसार आरोप है कि एक कॉपरेटिव सोसायटी के कार्यालय पर सहकारिता विभाग की टीम के छापे के दौरान मदद के एवज में ये दोनों प्रतिवादी से रिश्वत मांग रहे थे।
उन्होंने बताया कि शिकायत के सत्यापन के बाद दल ने मंगलवार को आरोपी देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को परिवादी से पांच लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के मुताबिक शिकायत करने से पूर्व ही परिवादी से आरोपी पांच लाख रुपये रिश्वत ले चुके थे।
जालोर में ब्यूरो के एक अन्य दल ने एक थानाधिकारी और हैड कांस्टेबल को सोमवार देर रात परिवादी से 1.50 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
ब्यूरो की ओर से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, रिश्वतखोरी के मामले में करड़ा थाने के थानाधिकारी, पुलिस निरीक्षक अमर सिंह एवं इसी थाने के हेड कांस्टेबल प्रतापाराम को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अनुसार परिवादी ने शिकायत की कि पुलिस थाना करडा में आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज मामले में मुलजिम नहीं बनाने व गिरफ्तार मुलजिम से हिरासत में मारपीट नहीं करने की एवज में थानाधिकारी अमर सिंह एवं हेड कांस्टेबल द्वारा एक लाख 80 हजार रुपए की रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।
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