जरुरी जानकारी | गांवों में खर्च बढ़ने से मांग की स्थिति हुई बेहतर: आरबीआई बुलेटिन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जून-अगस्त) की शुरुआत अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेतों के साथ हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में खर्च में सुधार से मांग की स्थिति बेहतर हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को बुलेटिन में यह कहा।
मुंबई, 18 जुलाई चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जून-अगस्त) की शुरुआत अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेतों के साथ हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में खर्च में सुधार से मांग की स्थिति बेहतर हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को बुलेटिन में यह कहा।
आरबीआई के बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में वैश्विक आर्थिक गतिविधियां मजबूत हो रही है। साथ ही वस्तुओं तथा सेवाओं में वैश्विक व्यापार गति पकड़ रहा है।
लेख में कहा गया, ‘‘ भारत में 2024-25 की दूसरी तिमाही अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेतों के साथ शुरू हुई है।’’ कृषि परिदृश्य तथा ग्रामीण व्यय में सुधार, मांग बढ़ाने में प्रमुख बिंदु साबित हुए हैं।
इसमें कहा गया कि लगातार तीन महीनों की नरमी के बाद जून 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है। इसकी मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में वृद्धि है।
उल्लेखनीय है कि सब्जियों और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.08 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने मई में यह खुदरा मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत पर थी
हालांकि, केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि बुलेटिन में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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