दिल्ली हिंसा: अदालत ने पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले व्यक्ति की जमानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा
पठान ने इस आधार पर जमानत दिये जाने का आग्रह किया है कि जेलों में कैदियों की अधिक संख्या है जिससे उसके कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा है।
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान की एक याचिका पर पुलिस से सोमवार को जवाब मांगा।
पठान ने इस आधार पर जमानत दिये जाने का आग्रह किया है कि जेलों में कैदियों की अधिक संख्या है जिससे उसके कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा है।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए मामले के जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और बुधवार तक जमानत याचिका पर उनसे जवाब मांगा।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 29 अप्रैल तय की।
पठान की ओर से पेश अधिवक्ताओं असगर खान और अब्दुल ताहिर खान ने यह दलील देते हुए आरोपी को जमानत दिये जाने का अनुरोध किया कि प्राथमिकी दर्ज किये जाने में दो दिन की देरी की गई थी।
वकीलों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जेल में रहना सुरक्षित नहीं है क्योंकि वहां भीड़ अधिक होने के कारण सामाजिक दूरी को बनाये रखना संभव नहीं है और आरोपी को जमानत दी जानी चाहिए।
सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानते हुए पठान (23) की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई थी और इसके बाद उसे तीन मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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