नयी दिल्ली, 27 अगस्त उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के सिलसिले में आरोपी की पहचान से संबंधित वीडियो नहीं सौंपे जाने पर यहां की एक अदालत ने अभियोजन पक्ष को फटकार लगाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि अभियोजन पक्ष अदालत को ‘मूर्ख’ बना रहा है। उन्होंने जांच एजेंसी को भविष्य में ऐसा आचरण दोबारा ना करने की चेतावनी भी दी।
यह मामला दयालपुर पुलिस थाने में मोहम्मद फारूक और अन्य के खिलाफ दर्ज मामले से संबंधित है। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपी की पहचान के लिए एक वीडियो सौंपने के लिए कहा था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज तक विशेष लोक अभियोजक और उप-निरीक्षक राजीव (जांच अधिकारी) एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री) के पास इस वीडियो और रिपोर्ट के लंबित रहने के नाम पर अदालत को मूर्ख बना रहे हैं, वास्तव में उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन यह उम्मीद की जाती है कि कम से कम अब थानाध्यक्ष (एफएसएल से) इसकी प्रति यथाशीघ्र लेने की कोशिश करेंगे।’’
मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।
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