देश की खबरें | दिल्ली दंगे: अदालत ने यूएपीए के आरोपी को बहन की शादी में शामिल होने के लिए जमानत दी

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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों से जुड़े आतंकवाद के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को उसकी बहन की शादी में शामिल होने की इजाजत दी है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से जुड़े एक मामले में आरोपी शादाब अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ इस मामले की जांच कर रहा है।

अहमद ने उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गांव में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 20 दिनों की अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था।

अदालत ने 18 अक्टूबर के एक आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता को मौजूदा मामले में 20 मई 2020 को गिरफ्तार किया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में है।”

याचिकाकर्ता ने पहले भी नियमित जमानत और अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी लेकिन दोनों ही अर्जियों को खारिज कर दिया गया था। आरोपी को 29 अक्टूबर से पांच नवंबर तक 20,000 रुपये के निजी मुचलके और जमानत बांड प्रस्तुत करने पर राहत दी गई।

अहमद की याचिका में कहा गया है कि परिवार का सबसे बड़ा बेटा होने के नाते शादी समारोह में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है और उसके पिता परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य होने के साथ-साथ एक वरिष्ठ नागरिक हैं।

फरवरी 2020 में हुई हिंसा में कथित भूमिका के लिए कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन सहित 20 लोगों पर यूएपीए और तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के कई प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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