Delhi Riots: अदालत ने 10 लोगों के खिलाफ आगजनी के आरोप हटाये, कहा : पुलिस खामियों को छुपा रही
दिल्ली की एक अदालत ने नगर में फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान दुकानों में कथित रूप से लूटपाट करने के दस आरोपियों के खिलाफ आगजनी का आरोप को हटा दिया. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पुलिस एक खामी को छिपाने का और दो अलग-अलग तारीखों की घटनाओं को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है.
नयी दिल्ली, 22 सितंबर : दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने नगर में फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान दुकानों में कथित रूप से लूटपाट करने के दस आरोपियों के खिलाफ आगजनी का आरोप को हटा दिया. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पुलिस एक खामी को छिपाने का और दो अलग-अलग तारीखों की घटनाओं को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. यह मामला तीन शिकायतों के आधार पर दर्ज किया गया था. बृजपाल ने आरोप लगाया था कि दंगाई भीड़ ने 25 फरवरी को बृजपुरी मार्ग पर उनकी किराए की दुकान को लूट लिया था. वहीं दीवान सिंह ने आरोप लगाया था कि 24 फरवरी को उनकी दो दुकानों में लूटपाट की गयी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने आगजनी के आरोप रद्द करते हुए कहा कि शिकायतकर्ताओं ने अपने शुरुआती बयानों में दंगाई भीड़ द्वारा "आग या विस्फोटक पदार्थ" के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. दीवान सिंह ने अपने पूरक बयान में हालांकि कहा कि दंगाई भीड़ ने उनकी दुकान में आग लगा दी. इस पर अदालत ने कहा कि अगर पुलिस में की गयी शुरुआती शिकायत में आगजनी का अपराध नहीं था तो जांच एजेंसी पूरक बयान दर्ज करके "खामी को नहीं ढंक" सकती है. यह भी पढ़ें : Sachin Tendulkar की बेटी सारा तेंदुलकर को पैपराजी ने किया स्पॉट, देखिए खूबसूरत तस्वीरें
अदालत ने आगे कहा कि केवल उन पुलिस गवाहों के बयानों के आधार पर आगजनी के आरोप नहीं लगाए जा सकते जो घटना की तारीख पर संबंधित क्षेत्र में ‘बीट’ अधिकारी के रूप में तैनात थे. अदालत ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रही है कि 24 फरवरी को हुयी घटना को 25 फरवरी की घटना के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है जब तक कि यह स्पष्ट सबूत नहीं हो कि दोनों तारीखों पर एक ही दंगाई भीड़ थी.