एम्स में उपचार करा रहे गैर कोविड मरीजों के लिए दिल्ली सरकार ठहरने का इंतजाम करे: अदालत
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने उम्मीद जतायी कि अगले कुछ सप्ताहों में, कम से कम सीमित तरीके से, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाह्य रोगी विभाग को फिर से खोला जाएगा ।
नयी दिल्ली, 14 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बाहर से यहां एम्स में इलाज के लिए आए गैर कोविड-19 मरीजों के लिए ठहरने का इंतजाम हो।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने उम्मीद जतायी कि अगले कुछ सप्ताहों में, कम से कम सीमित तरीके से, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाह्य रोगी विभाग को फिर से खोला जाएगा ।
अदालत ने इस बात को लेकर प्रशंसा की कि एम्स अपने यहां इलाज करा रहे सभी मरीजों को अपनी फार्मेसी से दवाएं दे रहा है।
पीठ ने बोर्ड को निर्देश दिया कि गैर कोविड मरीजों और उनके सहायकों के लिए एम्स के सामने रैन बसेरों या समीप के गार्गी स्कूल या प्रतिभा स्कूल में रहने का इंतजाम किया जाए।
यह निर्देश दो जनहित याचिकाओं पर आया है। इन याचिकाओं में दावा किया गया है एम्स में इलाज कराने बाहर से आए गैर कोविड मरीजों का वहां उपचार नहीं हो रहा है और उन्हें अस्पताल की दवा दुकान से दवाइयां नहीं मिल रही हैं।
पीठ ने गैर कोविड मरीजों को मुफ्त दवाओं की मांग संबंधी एक याचिका को तब निस्तारित कर दिया जब अस्पताल ने बताया कि उसकी दवा दुकान सक्रिय है।
अदालत ने बाहरी मरीजों के लिए उपचार और आश्रय की मांग संबंधी अन्य याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की।
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