देश की खबरें | आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने के उपायों पर विचार कर रही दिल्ली सरकार: अधिकारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली सरकार इस बारे में विचार कर रही है कि राष्ट्रीय राजधानी में आरटी-पीसीआर के जरिए अधिक से अधिक जांच करने के लिए क्या करना चाहिए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 24 सितंबर दिल्ली सरकार इस बारे में विचार कर रही है कि राष्ट्रीय राजधानी में आरटी-पीसीआर के जरिए अधिक से अधिक जांच करने के लिए क्या करना चाहिए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक हफ्ते पहले उच्च न्यायालय ने जांच क्षमता बढ़ाने को कहा था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते आप सरकार को सुझाव दिया था कि आरटी-पीसीआर जांच क्षमता जितनी अधिक बढ़ाई जा सकती है, उतनी बढ़ा दी जाए ताकि कोविड-19 के मामलों का पता चल सके क्योंकि रैपिड एंटिजन जांच के 60 फीसदी परिणाम ही सही होते हैं।
उच्च न्यायालय की सलाह के बाद भी आरटी-पीसीआर जांच की संख्या नहीं बढ़ी और अभी इस प्रक्रिया से करीब 10,000 जांच ही की जा रही है।
अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति जल्द से जल्द एक बैठक बुलाए जिसमें यह विचार करे कि आरटी-पीसीआर की जांच क्षमता किस हद तक बढ़ाई जानी चाहिए।
पीठ ने यह भी कहा कि 8 से 15 सितंबर के बीच कुल जांचों में से एक चौथाई से भी कम जांचें आरटी-पीसीआर के जरिए की गईं।
राष्ट्रीय राजधानी की आरटी-पीसीआर से दैनिक तौर पर 14,000 जांच करने की क्षमता है।
सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच (आरटी-पीसीआर से) बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है, इस बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।’’
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ बी एल शेरवाल ने कहा कि नियमानुसार लक्षण वाले मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जांच के लिए बहुत धन और मानव संसाधन की आवश्यकता होती है। हमारी ओर से कोई देरी नहीं हो रही है और कोई भी नमूने बिना जांच के नहीं पड़े हैं। हमने अस्पताल की क्षमता बढ़ाई है। कोशिश कर रहे हैं कि रिपोर्ट अगले ही दिन दे दी जाए।’’
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की प्रमुख नूतन मुंदेजा ने कहा, ‘‘अदालत ने यह (जांच बढ़ाने का) आदेश दिया है। हम उसके निर्देशों का पालन करेंगे। रैपिड एंटिजन जांच की मदद से हम जांच बढ़ा सकते हैं। आरटी-पीसीआर जांच उन लोगों की हो रही है जिनमें लक्षण हैं, बिना लक्षण वाले लोगों की जांच इस प्रक्रिया से नहीं की जाती।’’
उन्होंने बताया कि दिल्ली में ‘मांग पर जांच’ भी शुरू की है जिसमें लक्षण वाले लोगों को जांच करवाने के लिए चिकित्सक के पर्चे की जरूरत नहीं होती।
मुंदेजा ने कहा कि आरटी-पीसीआर से जांच बढ़ाने के बारे में क्या किया जा सकता है, इस पर हम विचार करेंगे।
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