Delhi Excise Policy Case: अरविंद केजरीवाल को ED का चौथा समन, इस बार भी नहीं आए सीएम तो क्या होगा?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथी बार समन जारी किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
नयी दिल्ली, 13 जनवरी : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथी बार समन जारी किया है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल (55) को 18 जनवरी को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है.
आप की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पालेकर के अनुसार केजरीवाल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने के लिए 19 जनवरी से 20 जनवरी तक गोवा में रहने वाले हैं. केजरीवाल तीन जनवरी को तीसरी बार ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. मुख्यमंत्री को पिछले वर्ष दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी पेश होने के लिए कहा गया था. नया नोटिस जारी कर ईडी ने केजरीवाल की इस दलील को एक बार फिर खारिज कर दिया है कि उन्हें जारी किए गए समन ‘‘कानून के अनुरूप नहीं थे’’ और इसलिए इन्हें वापस लिया जाना चाहिए. यह भी पढ़े: भाजपा CM केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने की कोशिश कर रही है: आप
सूत्रों के मुताबिक एजेंसी का मानना है कि केजरीवाल को भेजे गए समन ‘‘धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की प्रक्रियाओं और कानून के दायरे में’’ थे. मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. एजेंसी ने कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की तैयारी के संबंध में उनके संपर्क में थे. इस नीति को अब समाप्त कर दिया गया है.
ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि आप ने अपने गोवा चुनाव अभियान में लगभग 45 करोड़ रुपये की ‘‘आपराधिक आय’’ का इस्तेमाल किया था. माना जा रहा है कि ईडी इस मामले में एक नया पूरक आरोप पत्र दायर करेगी और आप को आबकारी नीति के माध्यम से उत्पन्न कथित रिश्वत के ‘‘लाभार्थी’’ के रूप में आरोपित कर सकती है.
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में घोर खामियां थीं और इसके जरिए कुछ डीलर का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. आप ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है. बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया.
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