नयी दिल्ली, चार फरवरी दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही यहां की एक अदालत ने पेशी में विफलता को लेकर फटकार लगाते हुए आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दयालपुर थाने द्वारा दंगा, हत्या और अन्य आरोपों के लिए दर्ज मामले में सुनवाई कर रहे थे।
तीन फरवरी को अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान न तो आरोपी शाहनवाज और न ही उसका वकील पेश हुआ। एक अन्य आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह कहां है।
न्यायाधीश ने कहा, "हर दिन, मैं सभी आरोपी व्यक्तियों से नियमित रूप से बात कर रहा था ताकि उन्हें अवगत कराया जा सके कि अपराह्न दो बजे अदालत में उपस्थित होना उनका परम कर्तव्य है। बचाव पक्ष के वकीलों और अभियुक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर दिन सुनवाई के लिए समय निर्धारित किया गया।”
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों का अपराह्न दो बजे के बाद अदालत में आना रोजमर्रा की आदत बन गई है, जिससे अदालत को उनका इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
न्यायाधीश ने कहा, "शाहनवाज का भी यही रवैया है और वह भी पहली बार अनुपस्थित नहीं है। इन परिस्थितियों में, नरम रुख जारी नहीं रखा जा सकता। आरोपी शाहनवाज के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी करें... 10 फरवरी तक कोई सुनवाई नहीं होगी।"
आदेश लिखे जाने के समय शाहनवाज के वकील उपस्थित हुए, जिसके बाद उन्हें कार्यवाही से अवगत कराया गया।
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